• 12/04/2025

चार साल में तीन बेटों की मौत से टूटा परिवार, मानवता की मिसाल बने नाड़ी वैद्य ने की आर्थिक मदद

चार साल में तीन बेटों की मौत से टूटा परिवार, मानवता की मिसाल बने नाड़ी वैद्य ने की आर्थिक मदद

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छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। यहां रहने वाले एक परिवार ने चार साल के भीतर एक-एक करके अपने तीन जवान बेटों को खो दिया। बेटों की मौत ने पूरे परिवार को भावनात्मक और आर्थिक रूप से पूरी तरह तोड़ दिया। बेटों की मौत और आर्थिक तंगी झेल रहे परिवार की ओर बालोद में रहने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता ने मदद का हाथ बढ़ाया है।

चार साल में तीन बेटों की मौत

मामला कुरूद ब्लॉक के ग्राम मौरीकला का है। 65 वर्षीय सरोज साहू अपने तीन बेटों—मलेश साहू, धनेश्वर साहू और रोहित साहू के साथ गांव में रहते थे। लेकिन साल 2021 से उनके परिवार के ऊपर दुखों का पहाड़ टूटने लगा। 2021 में मंझले बेटे धनेश्वर साहू की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। दो साल बाद 2023 में छोटे बेटे रोहित साहू की सड़क दुर्घटना में जान चली गई। दुखों का सिलसिला यहीं नहीं थमा। इस साल 5 अप्रैल 2025 को बड़े बेटे मलेश साहू की भी सड़क हादसे में मृत्यु हो गई। तीनों कमाऊ बेटों के चले जाने से परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई, और बीमार सरोज साहू और उनका परिवार गहरे सदमे में हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता ने बढ़ाया मदद का हाथ

इस की जानकारी बालोद जिले के मोक्ष धाम सेवा समिति के संस्थापक और प्रसिद्ध नाड़ी वैद्य बिरेंद्र देशमुख को लगी। जिसके बाद वो तुरंत ग्राम मौरीकला पहुंचे। उन्होंने शोकाकुल परिवार से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और उनकी आर्थिक स्थिति का जायजा लिया। परिवार की पीड़ा को देखते हुए देशमुख ने उन्हें 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की।

“गरीबों की मदद मेरा धर्म”

बिरेंद्र देशमुख ने कहा, “गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना मेरा धर्म है। दुख और संकट के समय जात-पात नहीं देखी जाती। हम सभी मानव हैं और एक-दूसरे के अपने हैं।” उनकी इस मानवता ने क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है।

और भी लोगों की कर चुके हैं मदद

यह पहला मौका नहीं है जब नाड़ी वैद्य बिरेंद्र देशमुख ने किसी की आर्थिक रूप से मदद की हो। इसके पहले पिछले साल बालोद जिले के भंडारा गांव में आगजनी से पीड़ित एक परिवार को 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी थी। इसके अलावा बिरेंद्र देशमुख गरीब परिवारों की कन्याओं की शादी में भी आर्थिक मदद करते हैं।

स्कूलों में भवन निर्माण में सहयोग

यही नहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी वो आर्थिक मदद मुहैया कराते रहते हैं। उन्होंने पिछले साल दुर्ग जिले के नवागांव में एक हायर सेकेंडरी स्कूल में एक कमरा का निर्माण कराया था। बालोद जिले के माहुद में भी उन्होंने एक स्कूल में मंच शेड निर्माण कराया।