• 31/07/2025

सरगुजा में हाथियों का आतंक: 24 घंटे में तीन हमला, 4 को उतारा मौत के घाट

सरगुजा में हाथियों का आतंक: 24 घंटे में तीन हमला, 4 को उतारा मौत के घाट

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में दंतैल हाथियों के हमलों ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है। बीते 24 घंटों में लुण्ड्रा और सीतापुर वन परिक्षेत्रों में तीन अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की जान चली गई। इन हमलों में एक पिता-पुत्री, एक महिला और एक बुजुर्ग ग्रामीण की मौत हुई है। वन विभाग की लापरवाही और निगरानी में कमी को इन घटनाओं का प्रमुख कारण माना जा रहा है।

पहली घटना: पिता-पुत्री की दर्दनाक मौत

लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत चिरगा के बेवरा गांव में 30 जुलाई की शाम करीब 7 बजे राम कोरवा (60 वर्ष) और उनकी बेटी प्यारी (35 वर्ष) खेत में रोपाई कर घर लौट रहे थे। तभी एक दंतैल हाथी ने उन पर हमला कर दिया। दोनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन हाथी ने उन्हें दौड़ाकर पटक-पटककर कुचल दिया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना देर रात वन विभाग और लुण्ड्रा पुलिस को मिली।

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दूसरी घटना: सुबह-सुबह महिला को कुचला

इसी दिन सुबह 4 बजे लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र के ग्राम बकिला में सनमेत बाई अपने पति नेहरू कंवर के साथ घर में थी। अचानक एक दंतैल हाथी उनके घर के पास पहुंच गया। दोनों ने अलग-अलग दिशाओं में भागकर जान बचाने की कोशिश की, लेकिन हाथी ने सनमेत बाई को दौड़ाकर कुचल दिया। नेहरू कंवर किसी तरह भागकर बच निकले।

तीसरी घटना: देवगढ़ में बुजुर्ग की मौत

तीसरी घटना गुरुवार (31 जुलाई) सुबह सीतापुर वन परिक्षेत्र के ग्राम देवगढ़ में हुई, जो लुण्ड्रा से 65 किलोमीटर दूर है। यहां 55 वर्षीय मोहर साय सैराम सुबह 6 बजे अपने खेत में काम करने गए थे। तभी दो हाथियों से उनका सामना हो गया। इनमें से एक दंतैल हाथी ने उन्हें कुचलकर मार डाला। वनकर्मियों के अनुसार, यह देवगढ़ में हाथी के हमले की पहली घटना है।

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बलरामपुर से भटककर आए हाथी

जानकारी के मुताबिक, लुण्ड्रा में आतंक मचाने वाला हाथी बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र से भटककर आया था। यह हाथी धौरपुर, चेंद्रा, उदारी, और असकला होते हुए चिरगा पहुंचा। दूसरी ओर, देवगढ़ में हमला करने वाले दो हाथी 30 जुलाई की रात 2:30 बजे तक ललितपुर में थे। वन विभाग की निगरानी में ढील के कारण रात ढाई बजे के बाद इनका पता नहीं चला, और वे ललितपुर से देवगढ़ पहुंच गए।

वन विभाग की लापरवाही पर सवाल

इन घटनाओं ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। लुण्ड्रा क्षेत्र में हाथी की मौजूदगी के बावजूद ग्रामीणों को समय पर अलर्ट नहीं किया गया। चिरगा पहुंचने पर भी विभाग ने स्थानीय लोगों को सतर्क नहीं किया। चार लोगों की मौत के बाद वन विभाग ने आनन-फानन में आसपास के आधा दर्जन गांवों में अलर्ट जारी किया।

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सरगुजा डीएफओ अभिषेक जोगावत, वन विभाग के अधिकारियों और पुलिस की टीम ने चिरगा और बकिला में घटनास्थलों का दौरा किया। डीएफओ ने बताया कि यह क्षेत्र दूरस्थ है, और हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अब अतिरिक्त टीमें तैनात की जा रही हैं।

मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीर स्थिति

छत्तीसगढ़ में मानव-वन्यजीव संघर्ष एक गंभीर समस्या बन चुका है। हाल के वर्षों में हाथी हमलों में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। सरगुजा जिले में ही पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। स्थानीय लोग वन विभाग से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।