• 29/01/2024

बड़ी खबर: DMF और कस्टम मिलिंग घोटाले में भी FIR, IAS रानू साहू, अधिकारी और ये सारे लोग बनाए गए आरोपी

बड़ी खबर: DMF और कस्टम मिलिंग घोटाले में भी FIR, IAS रानू साहू, अधिकारी और ये सारे लोग बनाए गए आरोपी

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छत्तीसगढ़ में सत्ता बदलते ही कांंग्रेस नेताओं, अफसरों और कारोबारियों पर राज्य सरकार ने शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। कोल परिवहन घोटाला और शराब घोटाले के बाद राज्य आर्थिक अपराध अनवेषण ब्यूरो (EOW) ने दो और एफआईआर दर्ज की है। EOW ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिपोर्ट के आधार पर डीएमएफ घोटाला और कस्टम मिलिंग घोटाले में आईएएस अफसर, मार्कफेड के अधिकारियों और राइस मिलर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

छत्तीसगढ़ की जेल में बंद निलंबित आईएएस अफसर रानू साहू कि मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। डीएमएफ घोटाले में अब राज्य आर्थिक अपराध अनवेषण ब्यूरो (EOW) ने उऩके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। ईओडब्ल्यू ने रानू साहू के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 420 के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। ईओडब्ल्यू द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि ईडी की जांच में सरकारी अफसरों को 40 फीसदी कमीशन मिलता था।

मार्कफेड के अफसरों और मिलर्स पर FIR

वहीं कस्टम मिलिंग मामले में ईओडब्ल्यू ने मार्कफेड के अफसरों और राईस मिलर्स पर धारा 120 बी, 409 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (क), सहपठित धारा, 13 (2), और 11 के तहत मामला पंजीबद्ध किया है। जिनके खिलाफ एफआआर दर्ज की गई है, उनमें तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी, जिला मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा, छत्तीसगढ़ स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश रुंगटा, वाइस प्रसिडेंट पारसमल चोपड़ा, कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर का नाम शामिल है।

क्या है DMF घोटाला

प्रवर्तन निदेशालय के रिपोर्ट पर यह पाया गया कि डी.एम.एफ. कोरबा के फंड से विभिन्न निविदाओं के आंबटन में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की गई है। वहीं गलत ढंग से निविदाओं को निर्धारण कर निविदाकर्ताओं को अवैध लाभ पहुंचाया गया है। जिसके कारण शासन को आर्थिक हानि हुई है।

प्रतिवेदन में यह भी पाया गया कि कुल निविदा राशि में लगभग 40 प्रतिशत की राशि लोकसेवक अधिकारियों को इस एवज में दिया गया और निजी कम्पनी के द्वारा निविदाओं पर 15 से 20 प्रतिशत अलग-अलग दरों से कमीशन प्राप्त किया गया है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में डी.एम.एफ. में काफी बड़ी मात्रा में वित्तीय अनियमितता की गई है।

प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि रानू साहू और अन्य लोकसेवकों के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरूपयोग कर विभिन्न निविदाकर्ता संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी और बिचौलिएं मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर के साथ मिलकर डी.एम.एफ. में विभिन्न प्रकार की निविदाओं के आबंटन में, बिल को पास कराने के लिए, किसी वस्तु के वास्तविक मूल्य से अधिक मूल्य के बिल प्राप्त किये गये थे तथा उनका भुगतान कराने में आपस में मिलकर आपराधिक षड़यंत्र कर निविदाकर्ताओं संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल शेखर को अवैध लाभ कारित करते हुए शासन को अवैध हानि कारित की गई।

क्या है कस्टम मिलिंग मामला

प्रवर्तन निदेशालय रिपोर्ट पर यह पाया गया कि विभिन्न राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम और एफसीआई में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। इस प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई। अपने पद का दुरूपयोग करते हुये विभिन्न शासकीय अधिकारियों द्वारा राईस मिलर्स के साथ मिलीभगत कर असम्यक लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई।

प्रीतिका पूजा को मनोज सोनी, प्रबंध संचालक मार्कफेड के मारफत रोशन चन्द्राकर के द्वारा निर्देश था कि उन्हीं राईस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है। जिनकी वसूली की राशि रोशन चन्द्राकर को प्राप्त हुई है। किन राईस मिलर्स को भुगतान किया जाना है इसकी जानकारी संबंधित जिले के राईस मिलर्स एसोसिएशन के द्वारा मनोज सोनी के माध्यम से मिलती थी। आयकर विभाग के द्वारा की गई तलाशी से लगभग 1.06 करोड़ रुपये की नगद राशि मिली है। जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। बहुत सारे आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल डिवाईस प्राप्त हुए हैं। लगभन 140 करोड़ रुपये की अवैध वसूली राईस मिलर्स से किया जाना पाया गया है।

राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम और एफ.सी.आई. में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। जिसमें व्यापक पैमाने में भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी और तत्कालीन डिस्ट्रीक्ट मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा कोरबा के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरूपयोग कर, छत्तीसगढ़ स्टेट राईस मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट कैलाश रूंगटा, वाईस प्रेसीडेंट पारसमल चोपड़ा और कोषाध्यक्ष रोशन चन्द्राकर के साथ आपराधिक षडयंत्र कर की गई है।