- 27/06/2025
CG: घोड़ों को जहर देकर मारा जाएगा, फैली ये खतरनाक बीमारी


छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में घोड़ों में खतरनाक संक्रामक बीमारी ग्लैंडर्स की पुष्टि हुई है। शादी-विवाह में उपयोग होने वाले दो घोड़ों में ग्लैंडर्स के लक्षण पाए गए थे। इनके ब्लड सैंपल राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार भेजे गए थे। पांचवीं बार की जांच में दोनों घोड़ों के सैंपल पॉजिटिव आए हैं। प्रोटोकॉल के अनुसार, इन घोड़ों को आज जहर देकर मारा जाएगा।
पहले भी संदिग्ध लक्षण, अब पुष्टि
पहले चार बार भेजे गए सैंपलों में एक घोड़े की रिपोर्ट पॉजिटिव और दूसरे की निगेटिव आई थी। पांचवीं जांच में दोनों सैंपल पॉजिटिव पाए गए। इन घोड़ों को एक साथ रखा गया था, और इनके साथ रहने वाले एक अन्य घोड़े की पहले ही मौत हो चुकी है। यह उत्तर छत्तीसगढ़ में घोड़ों में ग्लैंडर्स का पहला मामला है।
प्रोटोकॉल के तहत कार्रवाई
नियमानुसार, ग्लैंडर्स की पुष्टि के लिए दोनों सैंपल पॉजिटिव होना जरूरी है। अब कलेक्टर की अनुमति के बाद दोनों घोड़ों को पहले एनेस्थीसिया दिया जाएगा, फिर जहर देकर मारा जाएगा और उनके शवों को दफन किया जाएगा। घोड़ों के मालिक को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
अंबिकापुर में आवागमन पर प्रतिबंध
ग्लैंडर्स की पुष्टि के बाद अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र में अगले तीन महीनों तक अश्व प्रजाति के पशुओं के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
उत्तर छत्तीसगढ़ में घोड़ों का उपयोग
उत्तर छत्तीसगढ़ के पठारी और कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में घोड़े सामान ढुलाई और व्यक्तिगत आवागमन के लिए उपयोग किए जाते हैं। मैनपाट जैसे पर्यटन स्थलों पर घोड़े पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। सरगुजा में कुल 28 घोड़े हैं।
जबलपुर में भी ग्लैंडर्स से मौतें
मध्यप्रदेश के जबलपुर में ग्लैंडर्स के कारण अब तक 10 घोड़ों की मौत हो चुकी है। वहां भी दो घोड़ों के सैंपल हिसार भेजे गए थे, जिनमें से एक की रिपोर्ट आने से पहले ही मौत हो गई थी। दूसरे की पॉजिटिव रिपोर्ट के आधार पर वहां नियंत्रण प्रोटोकॉल लागू किया गया है।
पशुपालन विभाग के उप संचालक आरपी शुक्ला ने बताया कि कलेक्टर से अनुमति लेकर घोड़ों को निर्धारित एसओपी के तहत मारा जाएगा। ग्लैंडर्स एक संक्रामक बीमारी है, और इसका प्रसार रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।