• 23/04/2025

सिंधु जल समझौता स्थगित, पाक उच्चायोग बंद, पहलगाम हमले के बाद भारत के पाक के खिलाफ 5 बड़े फैसले

सिंधु जल समझौता स्थगित, पाक उच्चायोग बंद, पहलगाम हमले के बाद भारत के पाक के खिलाफ 5 बड़े फैसले

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। हमले को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जोड़ते हुए सरकार ने सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया और दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद करने का फैसला किया। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में लिए गए पांच बड़े फैसलों ने पाकिस्तान में खौफ पैदा कर दिया है, और भारत की जवाबी कार्रवाई की आशंका से वहां हाई अलर्ट जारी है।

पहलगाम हमले ने बढ़ाया तनाव
मंगलवार दोपहर पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 28 लोग मारे गए, जिनमें यूएई और नेपाल के पर्यटक, दो स्थानीय नागरिक और अन्य भारतीय शामिल थे। 20 से ज्यादा लोग घायल हुए। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे घातक आतंकी घटना है।

सीसीएस की बैठक में 5 बड़े फैसले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार दोपहर हुई सीसीएस की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद थे। बैठक में निम्नलिखित पांच बड़े फैसले लिए गए:

  • सिंधु जल समझौता स्थगित: 1960 के सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “यह निलंबन तब तक रहेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह बंद नहीं करता।”
  • पाकिस्तानी उच्चायोग बंद: दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद करने और सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को 1 मई 2025 तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
  • वाघा-अटारी सीमा बंद: भारत-पाकिस्तान के बीच अटारी एकीकृत जांच चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया। वैध वीजा धारकों को 1 मई तक लौटने की अनुमति दी गई है।
  • पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द: पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं, और भविष्य में नए वीजा जारी नहीं होंगे।
  • पाकिस्तानी सैन्य राजनयिक अवांछित घोषित: भारत में तैनात पाकिस्तानी सैन्य राजनयिकों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया, और उन्हें तुरंत देश छोड़ने को कहा गया।

पाकिस्तान में खौफ, हाई अलर्ट जारी
इन फैसलों के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक की तरह भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई से पाकिस्तान में बेचैनी है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “पाकिस्तान का इस हमले से कोई संबंध नहीं है।” हालांकि, भारत ने इसे “पाकिस्तान की ढीठता” करार दिया।

रक्षा मंत्रालय और सुरक्षा बलों की कार्रवाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “यह कायरतापूर्ण हमला आतंकवादियों और उनके समर्थकों की हताशा दिखाता है। हम न केवल हमलावरों तक पहुंचेंगे, बल्कि पर्दे के पीछे के साजिशकर्ताओं को भी सबक सिखाएंगे।” भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पहलगाम में सेना और सीआरपीएफ ने दो आतंकियों को मार गिराया, और तलाशी अभियान जारी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) हमले की जांच कर रही है।

कश्मीर में बंद, जनता में गुस्सा
हमले के विरोध में श्रीनगर और जम्मू में बंद का ऐलान किया गया, जिसे नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और अन्य संगठनों ने समर्थन दिया। सोशल मीडिया पर #Balakot2 और #IndiaFightsTerror ट्रेंड कर रहे हैं, और लोग सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कदमों की मांग कर रहे हैं। कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन
हमले की अमेरिका, सऊदी अरब, रूस, इजरायल, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी निंदा की। सऊदी क्राउन प्रिंस ने पीएम मोदी से फोन पर बात की, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अमेरिका मजबूती से साथ है।”