- 01/10/2023
बिना नाम के 3 साल तक रही बच्ची, माता-पिता झगड़ते रहे.. हाईकोर्ट ने रखा नाम
जब किसी घर में नए नन्हे मेहमान का आगमन होता है तो हर कोई उसे अपने-अपने अनुसार दिए नाम से बुलाता है। कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि बच्चे का वास्तविक नाम क्या रखा जाए इस पर घर के अंदर सहमति ही नहीं बन पाती। ऐसे ही माता-पिता की सहमति नहीं बन पाने की वजह से एक बच्ची 3 साल की उम्र तब बिना नाम के रही। बच्ची के नाम को लेकर तीन साल तक चलें लंबे लड़ाई झगड़े के बीच मामला कानून की चौखट तक पहुंच गया। झगड़-विवाद के बीच आखिरकार हाईकोर्ट को बच्ची का नाम रखना पड़ा।
हाईकोर्ट ने कहा कि बच्चे के नाम में देरी से उसके भविष्य पर असर पड़ रहा था। वह सामाजिक और सांस्कृतिक रुप से पिछड़ रही थी। माता पिता की लड़ाई से जरुरी बच्चे का हित है।
मामला केरल का है। यहां रहने वाले एक दंपत्ति के यहां बेटी पैदा हुई। नाम रखने को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। जिसकी वजह बर्थ सर्टिफिकेट में भी बच्ची का कोई नाम दर्ज नहीं किया गया। आखिरकार तीन साल बाद जब बच्ची का स्कूल में एडमिशन कराने की नौबत आई तो स्कूल ने बिना नाम का बर्थ सर्टिफिकेट लेने से इंकार कर दिया।
बच्ची की मां ने जब उसका नाम पुण्या नायर दर्ज कराना चाहा तो रजिस्ट्रार ने नाम दर्ज करने के लिए माता-पिता दोनों को उपस्थित होने के लिए कहा। वहीं पिता बच्ची का नाम पद्मा नायर रखना चाहता था।
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आखिरकार नाम रखने को लेकर शुरु हुआ ये विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया। हाईकोर्ट ने कहा कि बच्ची वर्तमान में मां के साथ रह रही है इसलिए मां के सुझाए गए नाम को उचित महत्व दिया जाना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि पिता का नाम भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि पितृत्व भी निर्विवाद था। इस आधार पर न्यायालय ने बच्ची का नाम पुण्या बी नायर या पुण्या बालगंगाधरन नायर रख दिया।