- 12/05/2025
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में माओवादियों का खूनी खेल: चार ग्रामीणों की निर्मम हत्या, इलाके में दहशत


छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में माओवादियों ने एक बार फिर आतंक का नंगा नाच दिखाया। रविवार देर रात माओवादियों ने अलग-अलग गांवों में घुसकर चार ग्रामीणों की बेरहमी से हत्या कर दी। मृतकों में एक कांग्रेस कार्यकर्ता और एक सोसायटी संचालक शामिल हैं। इस वारदात ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
क्या हुआ बीजापुर में?
पुलिस के अनुसार, माओवादियों ने रविवार रात बीजापुर के तर्रेम और अन्य थाना क्षेत्रों के गांवों में हमला बोला। उन्होंने कुल्हाड़ी और धारदार हथियारों से ग्रामीणों पर हमला किया। मृतकों में एक कांग्रेस कार्यकर्ता, जिसके भाई की पहले ही माओवादियों ने हत्या कर दी थी, और एक सोसायटी संचालक शामिल हैं। माओवादियों ने इन हत्याओं को पुलिस मुखबिरी के शक में अंजाम दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हमले की सूचना मिलते ही सुरक्षाबल मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक माओवादी जंगल की आड़ में फरार हो चुके थे। घटनास्थल से कुछ सबूत और हथियार बरामद किए गए हैं, जिनके आधार पर जांच शुरू कर दी गई है।
कांग्रेस कार्यकर्ता और सोसायटी संचालक निशाने पर
माओवादियों ने एक कांग्रेस कार्यकर्ता को निशाना बनाया, जिसका भाई पहले ही उनकी हिंसा का शिकार हो चुका था। इस हत्या ने सियासी हलकों में भी हलचल मचा दी है। इसके अलावा, एक सोसायटी संचालक को कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, माओवादी अक्सर स्थानीय नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हैं, ताकि गांवों में दहशत बनी रहे।
सीजफायर तोड़ने का आरोप
हाल ही में माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच तनाव कम करने के लिए एक अनौपचारिक सीजफायर की खबरें थीं। लेकिन इस हमले ने इसे ध्वस्त कर दिया। सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि सुरक्षा बलों के लौटते ही माओवादियों ने इस हमले को अंजाम दिया। पुलिस ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है, लेकिन जांच में इस पहलू को भी शामिल किया गया है।
पुलिस का बयान और कार्रवाई
बीजापुर पुलिस ने बताया कि माओवादियों ने इन हत्याओं को पुलिस मुखबिरी के शक में अंजाम दिया, हालांकि पुलिस का दावा है कि मृतक मुखबिरी से जुड़े नहीं थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमले के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। माओवादियों को बख्शा नहीं जाएगा।” पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
बीजापुर में माओवादी हिंसा का इतिहास
बीजापुर, बस्तर संभाग का हिस्सा, लंबे समय से माओवादी हिंसा का केंद्र रहा है। इस साल जनवरी से अब तक बस्तर क्षेत्र में माओवादी हमलों और मुठभेड़ों में 138 माओवादी मारे जा चुके हैं, जिनमें से 122 बीजापुर समेत सात जिलों में मारे गए। पिछले साल 2024 में भी माओवादियों ने 68 ग्रामीणों की हत्या की थी।
इस साल फरवरी में भी बीजापुर के बुड़गीचेरू गांव में माओवादियों ने दो ग्रामीणों, कारम राजू और माड़वी मुन्ना, की गला रेतकर हत्या की थी। इसके अलावा, जनवरी में भैरमगढ़ और मिरतुर इलाकों में दो अन्य ग्रामीणों की हत्या हुई थी।