• 14/08/2025

जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर, किश्तवाड़ में बादल फटने से अब तक 33 की मौत, सैकड़ों लोग लापता

जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर, किश्तवाड़ में बादल फटने से अब तक 33 की मौत, सैकड़ों लोग लापता

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशोती गांव में 14 अगस्त 2025 को बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 33 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि सैकड़ों लोग लापता हैं। यह घटना मचैल माता यात्रा मार्ग पर पड्डर उपखंड में हुई, जिसके चलते यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। बाढ़ और भारी बारिश ने इलाके में लंगर, दुकानें, एक सुरक्षा चौकी और कई घरों को नष्ट कर दिया, साथ ही दो पुल—लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई पुल—भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

घटना का विवरण

बादल फटने की यह घटना चिशोती गांव में गुरुवार दोपहर 12 से 1 बजे के बीच हुई, जब मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित थे। अचानक आए तेज पानी के बहाव से क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए, जिससे सड़कें, छोटी दुकानें और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पशुधन को भी व्यापक क्षति हुई है। घटनास्थल किश्तवाड़ मुख्यालय से करीब 80-90 किलोमीटर दूर है, जिससे बचाव कार्यों में चुनौतियां बढ़ रही हैं।

बचाव और राहत कार्य

जिला प्रशासन, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और रेड क्रॉस की टीमें तुरंत बचाव कार्य में जुट गईं। अब तक करीब 20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, लेकिन कई लोग अभी भी लापता हैं। एनडीआरएफ की दो टीमें और राहत वाहन मौके पर भेजे गए हैं। प्रशासन ने अस्थायी शिविर बनाए हैं और लोगों से नदियों व नालों के किनारे न जाने की अपील की है। किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

नेताओं का दौरा और बयान

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, “चिशोती, किश्तवाड़ में बादल फटने से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।” उन्होंने सभी एजेंसियों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए।

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किश्तवाड़ के डीसी से बात कर स्थिति का जायजा लिया और बताया कि प्रशासन तुरंत हरकत में आया है। उन्होंने नुकसान के आकलन और चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी दी।

विपक्ष के नेता और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा ने घटनास्थल का दौरा कर राहत कार्यों की निगरानी की। उन्होंने कहा, “यात्रा के कारण इलाका भीड़भाड़ वाला था, जिससे नुकसान की आशंका बढ़ गई है।”

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस हादसे को दुखद बताया और पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से रेस्क्यू तेज करने और मृतकों की संख्या कम होने की उम्मीद जताई।

पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और भाजपा नेता जहांजैब सिरवाल ने भी शोक व्यक्त किया और सरकार से त्वरित राहत कार्य की मांग की।

मचैल माता यात्रा पर प्रभाव

चिशोती गांव मचैल माता यात्रा का शुरुआती बिंदु है, जहां से श्रद्धालु 2800 मीटर ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर के लिए पैदल यात्रा शुरू करते हैं। इस आपदा के कारण यात्रा मार्ग को बंद कर दिया गया है, और तीर्थयात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कई श्रद्धालु बाढ़ में फंस गए, जिससे बचाव कार्य और जटिल हो गए हैं।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई है।