- 21/05/2025
यह राज्य बना देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य, 98 फीसदी से ज्यादा है साक्षरता दर


मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मंगलवार को आइजोल में आयोजित एक विशेष समारोह में मिजोरम को देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया। इस मौके पर केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी भी उपस्थित थे। 21,081 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले मिजोरम को 20 फरवरी 1987 को राज्य का दर्जा मिला था।
साक्षरता दर 98.20 फीसदी तक पहुंची
2011 की जनगणना में मिजोरम की साक्षरता दर 91.33% थी, तब यह पूर्वोत्तर का तीसरा सबसे साक्षर राज्य था। इसके बाद सरकार ने उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया। अगस्त-सितंबर 2023 में क्लस्टर रिसोर्स सेंटर को-आर्डिनेटर (CRCC) द्वारा किए गए सर्वे में 3,026 गैर-साक्षर लोगों की पहचान हुई, जिनमें से 1,692 शिक्षार्थी शिक्षण गतिविधियों में शामिल हुए। पीएफएलएस सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, मिजोरम की साक्षरता दर अब 98.20% है, जो केंद्र सरकार के 95% से अधिक के पूर्ण साक्षरता मानक को पार करती है।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा, “यह हमारे राज्य के लिए ऐतिहासिक क्षण है, जिसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी। हम इसे एक अभियान के अंत के रूप में नहीं, बल्कि अवसर, सशक्तिकरण और समावेश के नए युग की शुरुआत के रूप में देखते हैं। हम निरंतर शिक्षा, डिजिटल पहुंच और व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण के जरिए साक्षरता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
कैसे हासिल की पूर्ण साक्षरता?
मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, एससीईआरटी के तहत राज्य साक्षरता केंद्र (SCL) की स्थापना की गई। इसने लॉन्ग्टलाई जिले के शिक्षार्थियों के लिए मिज़ो भाषा ‘वर्तियन’ और अंग्रेजी में सामग्री तैयार की। जिला परियोजना कार्यालयों ने 292 स्वयंसेवी शिक्षकों की भर्ती की, जिन्होंने स्कूलों, सामुदायिक हॉल, वाईएमए पुस्तकालयों और जरूरत पड़ने पर शिक्षार्थियों के घरों में कक्षाएं चलाईं। इस समर्पित प्रयास से मिजोरम ने पूर्ण साक्षरता हासिल की।