- 09/09/2025
Big Breaking: नेपाल के PM केपी शर्मा ओली का इस्तीफा, जेन-Z प्रदर्शनकारियों के कब्जे में संसद भवन, नेताओं के घरों में आगजनी, 19 की मौत

नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ जेन-जेड के हिंसक प्रदर्शनों ने राजनीतिक भूकंप ला दिया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया, जो ‘जेन-जेड प्रोटेस्ट’ आंदोलन की मुख्य मांग पूरी होने का संकेत है। यह घोषणा संसद भवन को आग के हवाले करने और कब्जे में लेने के कुछ घंटों बाद आई। काठमांडू में कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे, जहां पुलिस ने आंसू गैस और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया। सोमवार की हिंसा में 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से अधिक घायल हैं।
ओली के सहायक प्रकाश सिलवाल ने रॉयटर्स को बताया कि इस्तीफा राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को सौंप दिया गया है। ओली ने इस्तीफे से पहले सभी दलों की बैठक बुलाई थी, लेकिन दबाव इतना बढ़ गया कि उन्होंने पद छोड़ दिया। सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने ओली से इस्तीफा देने की सलाह दी थी, और ओली ने सेना से अपनी सुरक्षित निकासी की मांग की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओली दुबई में शरण लेने की योजना बना रहे हैं।
संसद भवन पर हमला: कब्जा और आगजनी
मंगलवार सुबह काठमांडू के संसद भवन के बाहर तनाव बढ़ गया। सैकड़ों प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़कर अंदर घुस गए और आग लगा दी। एक्स पर वायरल वीडियो में दिखा कि युवा नारे लगा रहे हैं: “केपी चोर, देश छोड़ो” (ओली चोर है, देश छोड़ो) और “भ्रष्टाचार बंद करो, सोशल मीडिया नहीं”। कर्फ्यू सुबह 8:30 बजे से लगाया गया, लेकिन प्रदर्शनकारी टायर जलाकर सड़कें ब्लॉक कर रहे हैं। पुलिस और सशस्त्र बल बड़ी संख्या में तैनात हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख नेताओं के घरों को भी निशाना बनाया:
- पीएम ओली का निजी आवास बालकोट (भक्तपुर) में आग लगाई गई, जहां गोलीबारी में दो लोग घायल हुए।
- पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल (प्रचंड) के घर पर हमला।
- नेपाली कांग्रेस प्रमुख शेर बहादुर देउबा के घर और उनकी पत्नी अर्जु राणा देउबा के स्कूल में आगजनी।
- राष्ट्रपति पौडेल के घर पर पथराव।
- संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग और पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक के घरों को जलाया गया।
ट्रिब्हुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं, और हिमालय एयरलाइंस का विमान लैंड नहीं कर सका। परिवहन संघ ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की।
मंत्रियों के इस्तीफे: गठबंधन सरकार का विघटन
ओली के अलावा कई मंत्रियों ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया:
- गृह मंत्री रमेश लेखक: सोमवार शाम को इस्तीफा, प्रदर्शन में मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया।
- कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी: मंगलवार सुबह इस्तीफा, ‘तानाशाही रवैये’ की आलोचना।
- स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल: हिंसा के खिलाफ इस्तीफा।
- जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव: दमनकारी नीतियों का विरोध।
- पर्यटन मंत्री समेत कुल 9 मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं।
नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने ओली से तत्काल इस्तीफा मांगा। राष्ट्रिय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) ने तत्काल चुनाव की मांग की।
जेन-जेड आंदोलन की जड़ें: सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार
आंदोलन का ट्रिगर शुक्रवार का सोशल मीडिया प्रतिबंध था, जिसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, यूट्यूब समेत 26 प्लेटफॉर्म ब्लॉक किए गए। सरकार ने कहा कि ये कंपनियां रजिस्ट्रेशन नहीं कराईं, लेकिन युवाओं ने इसे सेंसरशिप माना। सोमवार शाम को बैन हटा लिया गया, लेकिन तब तक हिंसा भड़क चुकी थी।
गहरा मुद्दा भ्रष्टाचार है। जेन-जेड (13-28 वर्ष के युवा) ‘नेपो किड्स’ (राजनेताओं के बच्चों की लग्जरी लाइफ) का ट्रेंड चला रहे थे। नेपाल में 90% आबादी इंटरनेट यूजर है, लेकिन बेरोजगारी और आर्थिक संकट से युवा त्रस्त हैं। प्रदर्शनकारी स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस की लाइव फायरिंग ने इसे हिंसक बना दिया। एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया, “जेन-जेड ने कहा काफी हुआ, ओली का इस्तीफा मांगो।” संयुक्त राष्ट्र ने मौतों की निष्पक्ष जांच मांगी।
ओली ने मृतकों के परिवारों को दुख व्यक्त किया और ‘बाहरी तत्वों’ को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “मैं बेहद दुखी हूं, लेकिन यह असहनीय स्थिति है।”
पृष्ठभूमि और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ओली सरकार नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन पर टिकी थी, लेकिन इस्तीफों से यह टूट गई। भारत ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी और सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया। नौ देशों के दूतावासों ने हिंसा पर चिंता जताई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंदोलन नेपाल की राजनीति बदल सकता है, जैसे श्रीलंका में हुआ। ओली के इस्तीफे से अस्थिरता बढ़ेगी, लेकिन युवाओं की मांगें लोकतंत्र को मजबूत कर सकती हैं।
लाइव अपडेट्स: काठमांडू, ललितपुर, भक्तपुर और इटहरी में प्रदर्शन जारी। सेना मंत्रियों को निकाल रही है। नया प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।