• 19/09/2025

घर जैसा है पाकिस्तान.., राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा का छलका PAK प्रेम, बांग्लादेश के भी पढ़े कसीदे, BJP हमलावर

घर जैसा है पाकिस्तान.., राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा का छलका PAK प्रेम, बांग्लादेश के भी पढ़े कसीदे, BJP हमलावर

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने एक बार फिर ऐसा बयान दे दिया है, जिससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने वाली है। IANS को दिए इंटरव्यू में उन्होंने पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल की तारीफ करते हुए कहा कि ये देश उन्हें घर जैसा महसूस कराते हैं। पित्रोदा ने भारत की विदेश नीति पर सलाह देते हुए कहा कि पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने पर सबसे पहले ध्यान देना चाहिए।

पित्रोदा ने कहा, “हमारी विदेश नीति को सबसे पहले पड़ोस पर केंद्रित करना चाहिए। क्या हम वाकई अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों में सुधार ला सकते हैं? वे सभी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं और लड़ाई की कोई जरूरत नहीं है। हिंसा और आतंकवाद की समस्याएं हैं, लेकिन पड़ोस में साझा जीन पूल है।” उन्होंने अपनी यात्राओं का जिक्र करते हुए जोड़ा, “मैं पाकिस्तान गया हूं और आपको बता दूं कि मुझे वहां घर जैसा महसूस हुआ। मैं बांग्लादेश गया हूं, नेपाल भी गया हूं, और मुझे वहां भी घर जैसा लगा। मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं किसी विदेशी धरती पर हूं। वे मेरे जैसे दिखते हैं, मेरी तरह बोलते हैं, मेरे गाने पसंद करते हैं और मेरा खाना खाते हैं। हमें शांति और सद्भाव के साथ रहना सीखना चाहिए।”

यह बयान पाकिस्तान के संदर्भ में आया है, जो भारत के लिए आतंकवाद का प्रमुख स्रोत माना जाता है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों की मौत के कुछ महीनों बाद यह टिप्पणी राजनीतिक रूप से संवेदनशील है। पित्रोदा ने नेपाल और बांग्लादेश में युवा-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों का भी जिक्र किया, जहां सत्ता परिवर्तन हुए।

BJP का तीखा प्रहार, कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें

पित्रोदा के बयान पर भाजपा ने कांग्रेस को घेर लिया। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने X पर पोस्ट कर कहा, “राहुल गांधी के सबसे करीबी सैम पित्रोदा, जो 1984 के सिख नरसंहार पर ‘हुआ तो हुआ’ कह चुके हैं, अब पाकिस्तान में घर जैसा महसूस करते हैं। कांग्रेस का पाकिस्तान से अटूट प्रेम क्यों? वे 26/11, समझौता, पुलवामा और पहलगाम पर पाकिस्तान को क्लीन चिट देते रहे हैं।” भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इसे कांग्रेस की ‘पाकिस्तान-समर्थक’ नीति का प्रमाण बताया। बिहार चुनाव से पहले यह बयान कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकता है, जहां विपक्ष गठबंधन मजबूत करने की कोशिश में है।

कांग्रेस ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टी को डैमेज कंट्रोल के लिए जल्द स्पष्टीकरण देना पड़ेगा। राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने X पर लिखा, “मैंने भविष्यवाणी की थी कि पित्रोदा पाकिस्तान पर बोलेंगे और बिहार चुनाव में विपक्ष की गति बिगाड़ देंगे। यह दायित्वपूर्ण व्यक्ति विपक्ष को नुकसान पहुंचाता रहता है।”

पहले भी इन विवादों में फंसे पित्रोदा

यह पहली बार नहीं है जब सैम पित्रोदा के बयानों ने कांग्रेस को असहज किया हो। 1980 के दशक में राजीव गांधी के करीबी रहे पित्रोदा गांधी परिवार के विश्वसनीय सलाहकार हैं, लेकिन उनकी बेबाकी अक्सर विवाद का कारण बनी है।

1984 सिख दंगे: 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान, जब राजीव गांधी की कथित भूमिका पर सवाल उठे, तो पित्रोदा ने कहा, “अब ’84 का क्या? ’84 में हुआ तो हुआ। आपने पांच साल में क्या किया, उसकी बात करिए।” इस ‘हुआ तो हुआ’ टिप्पणी पर भारी विवाद हुआ, और राहुल गांधी ने खुद निंदा की। पित्रोदा को माफी मांगनी पड़ी।

बालाकोट स्ट्राइक: पुलवामा हमले के बाद 2019 में भारतीय वायुसेना की बालाकोट एयरस्ट्राइक पर पित्रोदा ने सवाल उठाए। ANI को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “क्या हमने वाकई हमला किया था? क्या हमने वाकई 300 आतंकियों को मारा है? अंतरराष्ट्रीय मीडिया इससे सहमत नहीं है।” उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने का तरीका ‘पूरी नेशन पर कूदना’ नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी ने इसे सेना का अपमान बताते हुए कांग्रेस पर हमला बोला।

पित्रोदा के अन्य विवादों में उत्तराधिकार कर, नस्लीय टिप्पणियां (‘पूर्व के लोग चीनी जैसे, दक्षिण के अफ्रीकी जैसे’) और चीन की तारीफ शामिल हैं। 2024 में इन बयानों के बाद उन्होंने ओवरसीज कांग्रेस चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था।