- 22/01/2024
राहुल गांधी को असम में मंदिर जाने से रोका गया, धरने पर बैठकर गाया भजन, कहा- मैंने क्या अपराध किया है, जो दर्शन नहीं कर सकता


आज 22 जनवरी सोमवार को अयोध्या में एक भव्य कार्यक्रम में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ। कांग्रेस और I.N.D.I.A. गठबंधन के दल राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हुए। राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि असम के नगांव में स्थित शंकरदेव मंदिर में जाने से उन्हें रोका गया। राहुल गांधी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन शंकरदेव मंदिर में पूजा-पाठ करना चाहते थे।
धरने पर बैठ गाया भजन
राहुल गांधी कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल अन्य नेताओं के साथ मंदिर पहुंचे थे। जिसके बाद वो बाहर ही कांग्रेस नेताओं के साथ धरने पर बैठ गए। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने रघुपति राघव राजा राम भजन गाते हुए अपना विरोध प्रदर्शन किया।
राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मुझे आज शंकरदेव के मंदिर में जाने से रोका जा रहा है। हमें वहां आमंत्रित किया गया है और अब कहा जा रहा है कि आप नहीं जा सकते हैं। शायद आज सिर्फ एक ही व्यक्ति मंदिर जा सकता है।”
पीएम मोदी के ऊपर निशाना साधने के बाद राहुल गांधी ने कहा, “हम मंदिर में जाना चाहते हैं। मैंने क्या अपराध किया है कि मुझे मंदिर में दर्शन के लिए जाने नहीं दिया जा रहा है।”
शंकरदेव का जन्म स्थान है बोदोर्वा थान
आपको बता दें नगांव में स्थित ‘बोदोर्वा थान’ वो धर्मस्थल है, जिसे असम के संत श्री शंकरदेव का जन्म स्थान माना जाता है। ‘बोदोर्वा थान’ मंदिर को शंकरदेव मंदिर के तौर पर भी जाना जाता है।
दोपहर 3 बजे दर्शन की अनुमति
राहुल गांधी को बोदार्वा थान में दोपहर 3 बजे एंट्री करने की इजाजत देने की जानकारी सामने आई है। बोदोर्वा थान मैनेजमेंट कमेटी ने रविवार को कहा था कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर बहुत सारे भक्त थाना में आएंगे। मंदिर के बाहर और भीतर कई सारे प्रोग्राम आयोजित होने वाले हैं। हजारों लोग यहां जमा होने वाले हैं। इस वजह से राहुल गांधी को दोपहर 3 बजे के बाद मंदिर में दर्शन का समय दिया जाएगा।
सुबह 7 बजे दर्शन करने की दिए थे जानकारी
उधर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “राहुल गांधी बोदोर्वा थान जाना चाहते थे। हम 11 जनवरी से ही वहां जाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे दो विधायकों ने मंदिर मैनेजमेंट कमेटी से मुलाकात भी की। हमने कहा था कि हम 22 जनवरी को सुबह 7 बजे वहां आएंगे। हमे कहा गया कि हमारा स्वागत होगा।”
जयराम रमेश ने आगे करहा कि कल हमें अचानक बताया गया कि हम दोपहर 3 बजे तक वहां नहीं आ सकते। ये सरकार का दबाव है। हम वहां जाने की कोशिश करेंगे लेकिन 3 बजे के बाद वहां जाना हमारे लिए बहुत मुश्किल है।