• 01/10/2025

7 की मौत: कफ सिरप ले रहा बच्चों की जान! MP में 6 बच्चों और राजस्थान में 1 बच्चे की किडनी फेलियर से मौत, सिरप बैन

7 की मौत: कफ सिरप ले रहा बच्चों की जान! MP में 6 बच्चों और राजस्थान में 1 बच्चे की किडनी फेलियर से मौत, सिरप बैन

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 4 सितंबर से 26 सितंबर के बीच किडनी फेलियर से 6 बच्चों की मौत हो गई, जिससे हड़कंप मच गया है। डॉक्टरों के अनुसार, शुरुआत में बच्चों को सर्दी, खांसी और बुखार था, और आशंका है कि दूषित कफ सिरप (जिसमें डाइएथिलीन ग्लाइकॉल मिला हो) इसका कारण हो सकता है। राजस्थान के सीकर में भी एक 5 वर्षीय बच्चे की मौत कफ सिरप से जुड़ी बताई जा रही है।

छिंदवाड़ा में क्या हुआ?

परासिया क्षेत्र में 22 अगस्त से बच्चों में बुखार की शिकायतें शुरू हुईं। परिवारों के अनुसार, बच्चों को कफ सिरप दिए गए, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई और किडनी प्रभावित हो गई। किडनी बायोप्सी में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मौजूदगी पाई गई, जो सिरप में दूषित पदार्थ है। प्रभावित सिरपों में कोल्डरिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस शामिल हैं। जिला कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने इन दो सिरपों की बिक्री पर जिला-व्यापी प्रतिबंध लगा दिया और डॉक्टरों, फार्मेसियों व अभिभावकों को सलाह जारी की।

सीएमएचओ डॉ. नरेश गुन्नाडे ने बताया कि 3 बच्चे नागपुर के निजी अस्पताल में और 3 छिंदवाड़ा में भर्ती थे। NCDC, IDSP और राज्य सरकार की टीमें जांच कर रही हैं। जल, कीटाणु और दवा के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। बैतूल, सिवनी व पांढुर्णा से भी मामले आए हैं। 5 बच्चों को नागपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। कलेक्टर ने अभिभावकों को चेतावनी दी कि बिना डॉक्टर की सलाह के सिरप न दें।

राजस्थान में बच्चे की मौत

सीकर के खोरी ब्राह्मणान गांव के 5 वर्षीय नितीश को सरकारी फ्री मेडिसिन स्कीम के तहत कफ सिरप मिला, जिसके बाद उल्टी, बेहोशी जैसी शिकायतें हुईं और मौत हो गई। राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (RMSCL) ने जयपुर-आधारित फर्म के 19 बैचों पर बिक्री व उपयोग प्रतिबंध लगा दिया। स्वास्थ्य विभाग ने अभिभावकों व डॉक्टरों को सतर्क किया। भरतपुर व अन्य जिलों में भी सिरप से बीमारी की शिकायतें आईं।

डिप्टी सीएम का बयान

मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कफ सिरप को मौतों से जोड़ने को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि ICMR व नागपुर को रिपोर्ट भेजी गई है, और जांच पूरी होने पर वजह स्पष्ट होगी। स्वास्थ्य विभाग सतर्क है, लेकिन सिरप दूषित नहीं है।

NCDC व राज्य ड्रग कंट्रोलर्स जांच कर रहे हैं, ताकि संक्रमण या अन्य कारणों को खारिज किया जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि DEG जैसा विष किडनी को नुकसान पहुंचाता है। अभिभावक सावधानी बरतें।