- 25/05/2024
33 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, पुलिस की पुनर्वास नीति ने किया प्रभावित
छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ आरपार की लड़ाई शुरु कर दी है।सरकार ने नक्सलियों के सामने सरेंडर करने की पॉलिसी रखी है।जिसके तहत नियद नेल्ला योजना चलाई जा रही है।इसी कड़ी में बीजापुर में 33 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
नक्सलियों के अत्याचारों और खोखली विचारधारा से निराश होकर बीजापुर में 33 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। नक्सलियों ने पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ के अफसरों के सामने हथियार डाले।सरेंडर करने वाले नक्सली सड़क काटकर मार्ग अवरुद्ध करने के साथ बम विस्फोट करने का काम किया करते थे।
मुख्य धारा में आना चाहते हैं नक्सली
सरेंडर के दौरान एसपी जितेंद्र यादव ने कहा कि नक्सली मुख्यधारा में आना चाह रहे थे। पुलिस ने रणनीति के तहत कैंप खोले हैं।जिनमें नक्सल विरोधी अभियान तेज गति से चलाया जा रहा है।इसके संतोषजनक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
गंगालूर कों नक्सलियों का गढ़ माना जाता है।लेकिन अब पुलिस की कार्यप्रणाली के कारण जनताना सरकार अध्यक्ष समेत कई दूसरे लीडर्स या तो सरेंडर कर रहे हैं।या फिर गिरफ्तार हो रहे हैं।मौजूदा समय में 33 नक्सलियों ने हथियार छोड़ने का फैसला किया है”नक्सली पुलिस की पुनर्वास नीति से भी प्रभावित हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले 33 कैडरों में से दो महिला नक्सली गंगालूर क्षेत्र समिति के तहत शाखाओं और संगठनों में सक्रिय थीं। राजू हेमला उर्फ ठाकुर पीएलजीए नंबर का सदस्य है। एक और सामो कर्मा, प्लाटून नंबर का सदस्य है।एक नक्सली पर दो लाख रुपये का इनाम था।आरपीसी क्रांतिकारी पार्टी समिति जनता सरकार के प्रमुख सुदरू पुनेम पर एक लाख रुपये का इनाम था।इनामी तीनों लोग अतीत में सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमलों में कथित तौर पर शामिल थे।