- 14/05/2025
छत्तीसगढ़ में रेत माफिया का आतंक: बालोद में मीडियाकर्मी पर जानलेवा हमला, हाईवा से कुचलने की कोशिश

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के मरकाटोला गांव में अवैध रेत भंडारण की खबर कवर करने गए मीडियाकर्मी कृष्णा गंजीर पर रेत माफिया ने जानलेवा हमला कर दिया। तस्करों ने पहले पत्रकार को लोहे की रॉड से पीटा और फिर हाईवा ट्रक से कुचलने की कोशिश की। इस हमले में गंभीर रूप से घायल गंजीर को धमतरी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
क्या हुआ मरकाटोला में?
मामला पुरुर थाना क्षेत्र का है, जहां नदियों से अवैध रेत उत्खनन और भंडारण की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। मंगलवार शाम को गुरुर तहसील के निर्देश पर पटवारी डोमेंद्र मंडावी मरकाटोला में रेत भंडारण की जांच के लिए पहुंचे। उनके साथ कवरेज के लिए मीडियाकर्मी कृष्णा गंजीर और उनके साथी भी मौके पर थे।
वहां मौजूद रेत सप्लायर ओमू साहू से गंजीर ने रेत के स्रोत के बारे में सवाल किया। साहू ने दावा किया कि रेत कांकेर जिले के तासी गांव से रॉयल्टी पर्ची के साथ लाई गई है। इस पर गंजीर ने तासी के सरपंच का बयान सामने रखा, जिसमें सरपंच ने कहा था कि रॉयल्टी बुक तो जारी हुई है, लेकिन कोई पर्ची कटी ही नहीं। इस विरोधाभास के बाद विवाद बढ़ गया। गुस्साए साहू और उनके गुर्गों ने गंजीर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया और हाईवा ट्रक से कुचलने की कोशिश की।
जान बचाकर भागा पटवारी
पटवारी डोमेंद्र मंडावी ने बताया, “एसडीएम और तहसीलदार के निर्देश पर मैं रेत भंडारण की जांच के लिए गया था। मीडियाकर्मी पर हमला होते देख मेरा हार्टबीट बढ़ गया। हालात बिगड़ते देख मैं और अन्य लोग जान बचाकर भागे और थाने पहुंचकर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी।” इस दौरान माहौल इतना तनावपूर्ण था कि सभी को अपनी जान बचानी पड़ी।
पुलिस कार्रवाई: पांच गिरफ्तार, केस दर्ज
पुरुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी उमेश्वर उर्फ ओमू साहू, रविकांत साहू सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अन्य 7-8 आरोपियों की तलाश जारी है। एएसपी मोनिका ठाकुर ने बताया, “आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109, 190, 191(2), 191(3), 296, और 351(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जल्द ही सभी आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।”
राजस्व अधिकारियों का मौन
हमले के दौरान पटवारी की मौजूदगी के बावजूद राजस्व विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। गुरुर एसडीएम आरके सोनकर और तहसीलदार हनुमंत श्याम ने इस मामले में कोई जानकारी होने से इनकार किया। यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और रेत माफिया के बढ़ते हौसले की ओर इशारा करती है।