• 17/10/2024

अडानी से जंगल बचाने आखिरकार ग्रामीणों ने उठाया तीर-धनुष, TI सहित 6 पुलिसकर्मी घायल.. हसदेव अरण्य में पेड़ कटाई का विरोध हुआ हिंसक

अडानी से जंगल बचाने आखिरकार ग्रामीणों ने उठाया तीर-धनुष, TI सहित 6 पुलिसकर्मी घायल.. हसदेव अरण्य में पेड़ कटाई का विरोध हुआ हिंसक

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा में हसदेव अरण्य जंगल (Hasdeo Aranya) में पेड़ों की कटाई के विरोध ने हिंसक रुप ले लिया। यहां ग्रामीणों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई। ग्रामीणों ने पुलिस पर तीर-धनुष, गुलेल और पत्थर से हमला कर दिया। जिससे टीआई, एसआई सहित आधा दर्जन पुलिस कर्मियों के घायल होने की खबर है। वहीं 3 ग्रामीण भी इस दौरान घायल हुए हैं। घायल पुलिस कर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जानकारी के मुताबिक हसदेव अरण्य के जंगल में परसा कोल ब्लॉक के लिए पेड़ों की कटाई हो रही है। जंगल में पेड़ कटाई का ग्रामीण लंबे समय से विरोध कर रहे थे। हिंसक झड़प के बाद परसा ग्राव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। एएसपी सहित 300 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को मौके पर तैनात  किया गया है।

आपको बता दें हसदेव अरण्य में परसा ईस्ट केते बासन, परसा और केते एक्सटेंशन को राजस्थान सरकार को आवंटित किया गया है। राजस्थान सरकार ने एमडीओ के तहत इन खदानों को उद्योगपति गौतम अडानी के अडानी ग्रुप को दिया है। इस खदान से कोयला के एक बड़े हिस्से का उपयोग अडानी ग्रुप अपने बिजली संयंत्रों के लिए करता है।

अडानी ग्रुप द्वारा परसा ईस्ट केते बासन कोल ब्लॉक में दो चरणों में खनन के अलावा अब परसा कोयला खदान में खनन के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दिया गया है।

कोयला खनन के लिए हसदेव अरण्य के जंगलों में आने वाले सालों में 2 लाख 74 हजार से ज्यादा पेड़ों को और काटा जाएगा। राज्यसभा में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया था कि छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार परसा ईस्ट केंते बासेन माइन (पीईकेबी) में 94,460 पेड़ काटे गए हैं।