• 16/04/2025

वक्फ एक्ट: क्या हिंदू ट्रस्ट में मुसलमानों को मिलेगी जगह? ‘सुप्रीम सुनवाई’ के दौरान कोर्ट की 10 बड़ी टिप्पणियां

वक्फ एक्ट: क्या हिंदू ट्रस्ट में मुसलमानों को मिलेगी जगह? ‘सुप्रीम सुनवाई’ के दौरान कोर्ट की 10 बड़ी टिप्पणियां

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वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे गए। कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति देगा, जिसने इस मामले में नई बहस छेड़ दी है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की 10 बड़ी टिप्पणियों ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया।

सुप्रीम कोर्ट की 10 बड़ी टिप्पणियां

हिंदू ट्रस्ट में मुसलमानों की भागीदारी: कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया, “क्या आप मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति देंगे? अगर वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों को शामिल किया जा सकता है, तो हिंदू ट्रस्टों में भी यह व्यवस्था होनी चाहिए।”

वक्फ कानून पर रोक नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन केंद्र को इसकी वैधता पर जवाब देने को कहा।

कपिल सिब्बल का तर्क: याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि नए वक्फ कानून में हिंदुओं को बोर्ड में शामिल करने का प्रावधान मुसलमानों के अधिकारों का हनन करता है।

सामुदायिक संतुलन का सवाल: कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या यह कानून धार्मिक समुदायों के बीच संतुलन को प्रभावित करता है। “हिंदू दान कानून में बाहरी समुदाय के लोगों को शामिल करने की अनुमति नहीं है, तो वक्फ में ऐसा क्यों?”

कानून की संवैधानिकता पर बहस: कोर्ट ने कहा कि वक्फ एक्ट की संवैधानिक वैधता का परीक्षण करना होगा, क्योंकि यह धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के अधिकारों को प्रभावित कर सकता है।

सुनवाई का विस्तार: सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई को अगले दिन के लिए भी निर्धारित किया, ताकि सभी पक्षों की दलीलें सुनी जा सकें।

केंद्र से जवाब की मांग: कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों को शामिल करने के निर्णय के पीछे का तर्क स्पष्ट करे।

धर्मनिरपेक्षता का सवाल: कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि भारत के धर्मनिरपेक्ष ढांचे में धार्मिक ट्रस्टों के प्रबंधन में समानता का सिद्धांत लागू होना चाहिए।

वक्फ संपत्तियों का मुद्दा: कोर्ट ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके दुरुपयोग को लेकर भी चिंता जताई और केंद्र से इस पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा।

निष्पक्ष सुनवाई का आश्वासन: कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में सभी पक्षों को निष्पक्ष सुनवाई का मौका देगा और किसी भी पक्ष के साथ भेदभाव नहीं होगा।

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 में वक्फ बोर्ड के प्रबंधन में गैर-मुसलमानों को शामिल करने का प्रावधान है, जिसे लेकर कई संगठनों और व्यक्तियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह प्रावधान मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। दूसरी ओर, केंद्र सरकार का कहना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी प्रबंधन के लिए बनाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए केंद्र सरकार और याचिकाकर्ताओं को अपनी दलीलें तैयार करने का निर्देश दिया है।