• 12/08/2025

Fact Check: क्या सच में वोट चोरी हुए? विपक्षी नेताओं के आरोप कितने सही.. ECI ने फैक्ट चेक कर बताया

Fact Check: क्या सच में वोट चोरी हुए? विपक्षी नेताओं के आरोप कितने सही.. ECI ने फैक्ट चेक कर बताया

चुनाव आयोग ने सोमवार को विपक्षी नेता राहुल गांधी और इंडिया ब्लॉक के सांसदों द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए खारिज कर दिया। आयोग ने राहुल गांधी द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक स्क्रीनशॉट को भ्रामक करार दिया, जिसमें उन्होंने ‘वोट चोरी’ के खिलाफ विरोध मार्च में शामिल होने वाले नेताओं को धन्यवाद दिया था।

विपक्ष का विरोध मार्च और पुलिस कार्रवाई

लगभग 300 विपक्षी सांसदों, जिसमें कांग्रेस, सपा, राजद, टीएमसी, डीएमके और वामदल शामिल थे, ने सोमवार को नई दिल्ली में संसद भवन के मकर द्वार से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च निकाला। यह मार्च बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और 2024 के लोकसभा चुनाव में कथित मतदाता सूची अनियमितताओं के विरोध में था। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बीजेपी के साथ मिलकर मतदाता सूचियों में हेरफेर किया और खासकर विपक्ष-समर्थक मतदाताओं के नाम हटाए।

हालांकि, पुलिस ने ट्रांसपोर्ट भवन के पास बैरिकेड्स लगाकर मार्च को रोक दिया। हंगामे के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव, टीएमसी की महुआ मोइत्रा, कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य सांसदों ने बैरिकेड्स पर चढ़कर विरोध जताया। कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारी ‘एसआईआर’ और ‘वोट चोरी’ लिखे सफेद टोपियां और ‘लोकतंत्र पर वार’ जैसे नारे लिखे बैनर लिए हुए थे।

चुनाव आयोग का जवाब

चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मतदाता सूचियों को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से तैयार किया गया है। आयोग ने एक्स पर एक बयान जारी कर कहा, “राहुल गांधी के आरोप निराधार और भ्रामक हैं।” आयोग ने बिहार में एसआईआर के दौरान पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों का एक दस्तावेज साझा किया, जिसमें दावा किया गया कि 25 जून से 26 जुलाई तक किए गए घर-घर सत्यापन में बिहार के 78.9 मिलियन मतदाताओं को कवर किया गया। इस प्रक्रिया में 22 लाख मृत मतदाताओं, 7 लाख डुप्लिकेट पंजीकरण और 36 लाख प्रवासी मतदाताओं के नाम हटाए गए।

आयोग ने यह भी बताया कि मतदाताओं को 1 सितंबर तक सुधार के लिए आवेदन करने का मौका दिया गया है, और अब तक 1.65 लाख से अधिक लोगों ने सुधार के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा, आयोग ने कांग्रेस, राजद और वामदलों के प्रतिनिधियों के वीडियो साक्ष्यों के लिंक साझा किए, जिसमें एसआईआर प्रक्रिया में उनकी भागीदारी को दर्शाया गया।

विपक्ष का पलटवार

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 फर्जी वोटों के जरिए ‘वोट चोरी’ हुई। उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों में डुप्लिकेट नाम, गलत पते और धुंधली तस्वीरें शामिल थीं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आयोग की मांग को खारिज करते हुए कहा, “हम किसी नोटिस से डरते नहीं। डेटा आयोग का ही है, फिर हमें सबूत क्यों मांगें?”

विपक्ष ने बिहार में एसआईआर को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार देते हुए मांग की कि मतदाता सूचियां डिजिटल और मशीन-पठनीय प्रारूप में उपलब्ध कराई जाएं ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो।

चुनाव आयोग की स्थिति

चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूचियों में शुद्धता लोकतंत्र को मजबूत करती है। आयोग ने 2018 के कमल नाथ मामले का हवाला देते हुए कहा कि मतदाता सूची से संबंधित शिकायतों के लिए कानूनी प्रक्रिया मौजूद है, जिसे विपक्ष ने नजरअंदाज किया। आयोग ने राहुल गांधी से उनके आरोपों के समर्थन में शपथपत्र या माफी मांगने को कहा, जिसे गांधी ने ठुकरा दिया।

सार्वजनिक विश्वास पर सवाल

लोकनीति-सीएसडीएस के एक सर्वे के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद चुनाव आयोग पर जनता का भरोसा 2019 की तुलना में काफी कम हुआ है। केवल 25% लोगों ने आयोग पर ‘बड़ा भरोसा’ जताया, जबकि 25% ने ‘कम या बिल्कुल भरोसा नहीं’ होने की बात कही।

यह विवाद राजनीतिक दलों के बीच तीखी तकरार में बदल गया है, जिससे मतदाता सूचियों की गुणवत्ता और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।