- 22/08/2025
जब जेल जाने पर क्लर्क की नौकरी चली जाती है तो प्रधानमंत्री की कुर्सी क्यों बचे? PM-CM को हटाने वाले नए विधेयक पर बोले नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के गया में विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने गंभीर अपराधों में 30 दिन से अधिक हिरासत में रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों की सदस्यता कानून पर भी बात की। पीएम ने कहा, “जब एक क्लर्क की नौकरी जेल जाने पर चली जाती है, तो पीएम की कुर्सी क्यों बची रहनी चाहिए? भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कोई अपवाद नहीं होना चाहिए।”
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नया कानून: पीएम से लेकर मंत्री तक सभी के लिए सख्त प्रावधान
हाल ही में पेश 130वें संविधान संशोधन में यह प्रावधान किया गया है कि अगर कोई पीएम, सीएम या मंत्री गंभीर आरोपों में 30 दिन तक हिरासत में रहता है, तो उनकी सदस्यता स्वत: रद्द हो जाएगी। पीएम मोदी ने कहा, “यह कानून प्रधानमंत्री, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को भी कवर करता है। गिरफ्तारी के 30 दिन के भीतर जमानत लेनी होगी, नहीं तो 31वें दिन कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। संविधान हर जनप्रतिनिधि से ईमानदारी और पारदर्शिता की उम्मीद करता है, और हम इसे तार-तार होते नहीं देख सकते।”
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जेल से सरकार चलाने पर सवाल
पीएम ने हाल के उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा, “हमने देखा है कि जेल से फाइलों पर साइन हो रहे थे और सरकारी आदेश जारी किए जा रहे थे। क्या यह सही है? अगर छोटा कर्मचारी 50 घंटे हिरासत में रहने पर सस्पेंड हो सकता है, तो पीएम या सीएम जेल में रहकर सत्ता का सुख क्यों भोगे?” उन्होंने जनता से सवाल किया, “आप बताइए, जो जेल जाए, उसे कुर्सी छोड़नी चाहिए या नहीं? जेल से सरकार चल सकती है क्या?”
उनको डर है सपने चकनाचूर हो जाएंगे
पीएम ने कांग्रेस, लेफ्ट और आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा, “हमारी सरकार पर 10 सालों में भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा, जबकि कांग्रेस ने दशकों तक शासन किया और करप्शन की एक सीरीज चला दी। आरजेडी का भ्रष्टाचार बिहार जानता है।” उन्होंने आरोप लगाया कि जो नेता जमानत पर बाहर घूम रहे हैं, वे इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। “इनका डर साफ है—जेल जाने से उनके सपने चकनाचूर हो जाएंगे। इसलिए ये सुबह-शाम मुझे गाली दे रहे हैं और जनहित के कामों का भी विरोध कर रहे हैं।”
विपक्ष का विरोध और हंगामा
इस विधेयक के पेश होने के बाद सदन में हंगामा हो गया था, जिसमें विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। हालांकि, पीएम ने इसका जवाब देते हुए कहा कि जो लोग पाप छिपाना चाहते हैं, वे ही इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ बिना भेदभाव की लड़ाई लड़ रही है।