• 26/04/2022

पर्यावरण प्रेमी गैंदलाल के लगाए पेड़ों की कटाई से पर्यावरण कार्यकर्ताओं में रोष

पर्यावरण प्रेमी गैंदलाल के लगाए पेड़ों की कटाई से पर्यावरण कार्यकर्ताओं में रोष

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दुर्ग। पर्यावरण प्रेमी स्वर्गीय गैंदलाल देशमुख के द्वारा अपने ग्राम कोड़िया से लेकर महाराजा चौक दुर्ग तक सड़क के दोनों छोर पर बरगद पीपल नीम एवं पाकर के लगभग 300 पौधे रोपे गए थे, जिसे उन्होंने वर्षों की कड़ी मेहनत से पेड़ का आकार दिया जो आज इस मार्ग से आने जाने वाले लोगों एवं पशु पक्षियों को छाया प्रदान कर रहे हैं। देशमुख द्वारा लगाए गए पेड़ केवल एक पेड़ ही नहीं है अपितू यह आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करने वाले एक स्मारक है, जिसे धीरे धीरे कर कभी बिजली के तार खींचने एवं सड़क चौड़ीकरण के नाम पर कांटे जा रहे हैं जिससे हमारे बीच पर्यावरण संरक्षण के स्मारक के रूप में मौजूद स्वर्गीय देशमुख की स्मृतियों से जुड़े इन पेड़ों के अस्तित्व खत्म होते जा रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण को लेकर अनूठा मिसाल प्रस्तुत कर पूरे छत्तीसगढ़ चर्चित इस पर्यावरण प्रेमी द्वारा लगाए पेड़ों की कटाई को लेकर जिले के पर्यावरण कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है। उन्होंने कलेक्टर को गस्ती का पौधा भेंटकर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर इन पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने की मांग की।


क्या पेड़ों का होना विकास नहीं
उन्होंने कहा कि जब इन्हीं पेड़ों ऊपर से बिजली के तार खींचे जा रहे थे तब और कोई विकल्प नहीं होने की बात कहते हुए डीडतापूर्वक इनकी ऊपर से बिजली के तार खींचकर पेड़ों को नुकसान गए थे। ऐसा कई जगहों पर किया गया है और अब उन्हीं बिजली के तारों को विकास के लिए सड़क चौड़ीकरण के नाम पर अन्यत्र जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है। इससे सवाल उठता है कि हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण अंग पेड़ों का हमारे आसपास होना क्या विकास नहीं है ?

हितवा संगवारी संस्था के संयोजक रोमशंकर यादव के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपने वालों पर्यावरण मित्र रिसाली के अध्यक्ष ललित वर्मा, विपिन वर्मा, हरित क्रांति संघ के प्रेमनारायण त्रिपाठी, कोड़िया, के पूर्व सरपंच राधेलालसाहू मनोज साहू, लेखराम सोनवानी, खिलावन वर्मा ने बताया कि पूर्व में पाऊवारा -हनोदा – बोरसी सड़क चौड़ीकरण की शुरुआत होने पर जैसे ही गेंदलाल देशमुख द्वारा लगाए गए लगभग दर्जन भर पेड़ों के काटने की सूचना मिली तब हितवा संगवारी , हरित क्रांति संगठन जैसी विभिन्न संस्थाओं एवं पर्यावरण प्रेमियों के विरोध के बाद शेष बचे पेड़ों को नहीं काटने का आश्वासन देकर इन पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी गई थी, मगर पिछले दिनों फिर गुपचुप तरीके से फिर तीन पेड़ कांट दिए गए। अब बोरसी मोड़ के पास नहर नाली किनारे लगे पेड़ों को कांटने जोर दिया जा रहा है जबकि यहां पर इन पेड़ों को बीचों बीच सुरक्षित रखकर इसके दोनों ओर सड़क निर्माण के लिए पर्याप्त जगह है मगर लोक निर्माण विभाग के द्वारा नाली को थोड़ा हटाकर बनाके जान-बूझकर पेड़ों को सड़क के बीच बताने का प्रयास कर अधिकारी पेड़ को कटवाने पर उतारू है। यदि ऐसा कर स्व देशमुख द्वारा लगाए इन पेड़ों को काटा जाता है तो इसका पर्यावरण प्रेमियों द्वारा पूरजोर विरोध किए जाने की बात कही गई है।


गैंदलाल के नाम पर हो मार्ग का नामकरण
उनका कहना है कि देशमुख पूरे छत्तीसगढ़ में अकेले शख्स है जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण का ऐसाअनूठा मिसाल प्रस्तुत किया है। उनकी मांग है कि आने वाली पीढ़ी के लिए पर्यावरण संरक्षण स्मारक के रूप में मौजूद इन पेड़ों की कटाई पर रोक लगाकर इसे संरक्षित व सुरक्षित रखा जाय एवं उक्त मार्ग का नामकरण पर्यावरण प्रेमी गैंदलाल देशमुख के नाम पर हो।