- 10/05/2023
फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत शासकीय सेवकों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश
राज्य शासन समाज कल्याण विभाग द्वारा पत्र जारी कर दिव्यांगजनों को शासकीय कल्याणकारी योजनाओं तथा रोजगार (शासकीय सेवाओं में भर्ती) का लाभ देने के पूर्व जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र का सूक्ष्म परीक्षण करा लेने के निर्देश दिये गये है।
साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि विकलांग प्रमाण पत्र निःशक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों को अनुरूप हो एवं उसका उपयोग वास्तविक दिव्यांगजन ही कर सके।
जारी निर्देश मे कहा गया है कि 1 जनवरी 2019 के पश्चात नियुक्त हुए समस्त शासकीय सेवक जो दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर शासकीय सेवा में कार्यरत है के शारीरिक परीक्षण उपरांत दिव्यांग प्रमाण-पत्रों की नियमानुसार जिला, सभाग, राज्य मेडिकल बोर्ड से पुन जाँच कराई जाये।
इस संबंध में कलेक्टर अजीत वसन्त ने जिले के समस्त विभागों को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि यदि इससे संबंधित कोई शिकायत प्राप्त हो तो जाँच उपरांत विभाग, कार्यालय में यदि कोई शासकीय सेवक गलत,
फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत पाया जाता है के विरुद्ध छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 91 एवं अन्य सुसंगत विधि के परिपेक्ष्य में नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाकर 07 दिवस के भीतर कार्यालय को पालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।