- 04/09/2025
सामूहिक इस्तीफे का ऐलान: 16000 संविदा NHM कर्मियों का बड़ा कदम, 18 दिन से जारी हड़ताल, प्रदेश संरक्षक-महासचिव सहित 25 बर्खास्त

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के करीब 16,000 संविदा कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 18 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे अस्पतालों में ओपीडी, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, और ऑपरेशन थिएटर जैसी जरूरी सेवाएं ठप हो गई हैं। इस बीच, सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए 25 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है, जिनमें NHM संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश संरक्षक हेमंत सिन्हा और महासचिव कौशलेश तिवारी शामिल हैं।
सामूहिक इस्तीफा!
हड़ताल के 18वें दिन, NHM कर्मचारी संगठन ने सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी है। छत्तीसगढ़ प्रदेश NHM कर्मचारी संघ के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में इसकी घोषणा की गई, जिसकी पुष्टि कर्मचारी अमन दास ने भी की। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार दबाव बनाने की कोशिश कर रही है और बातचीत के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। रायपुर जिला अध्यक्ष अशोक उइके ने एक वीडियो संदेश में बताया कि सभी जिलों के कर्मचारी अपना-अपना इस्तीफा देने जा रहे हैं।
क्या हैं कर्मचारियों की मांगें?
NHM कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगों में शामिल हैं:
- संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण और नौकरी की सुरक्षा।
- वेतन वृद्धि और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान वेतनमान।
- ग्रेड पे का निर्धारण और वेतन विसंगतियों का समाधान।
- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना।
- कार्य मूल्यांकन पद्धति में सुधार।
- 27% लंबित वेतन वृद्धि।
- नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण।
- अनुकंपा नियुक्ति और मेडिकल अवकाश।
- स्थानांतरण नीति और न्यूनतम 10 लाख का चिकित्सा बीमा।
सरकार का रुख और बर्खास्तगी
स्वास्थ्य विभाग ने हड़ताल को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। 25 अगस्त को सभी मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) को पत्र जारी कर हड़ताली कर्मचारियों की सूची मांगी गई थी। सोमवार को कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया गया, जिसके बाद मंगलवार को कर्मचारियों ने स्वास्थ्य संचालनालय के सामने आदेश की प्रतियां जला दीं। बुधवार को 25 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने “नो-वर्क, नो-पे” नीति का हवाला देते हुए कहा कि लंबे समय तक हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
हड़ताल के कारण ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), और उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले लटक गए हैं। टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, पैथोलॉजी जांच, एक्स-रे, और सोनोग्राफी जैसी सेवाएं बंद हैं। गंभीर मरीजों को निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ रही है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने नियमित कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।
BJP सांसद विजय बघेल और बृजमोहन ने किया समर्थन
भाजपा सांसद विजय बघेल और बृजमोहन अग्रवाल ने कर्मचारियों की मांगों को जायज बताते हुए मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से बात करने का आश्वासन दिया है। वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने स्वीकार किया कि कांग्रेस सरकार ने NHM कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा पूरा नहीं किया, जिसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में भुगतना पड़ा।