- 30/09/2022
BIG BREAKING : मीसा बंदियों की पेंशन का मामला – सुप्रीम कोर्ट से छत्तीसगढ़ सरकार को बड़ी राहत, हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक
प्रदेश के मीसा बंदियों की पेंशन रोके जाने के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया है। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को मीसा बंदियों को पेंशन देने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश को प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
ये है मामला
छत्तीसगढ़ सरकार ने साल 2019 में मीसा बंदियों के भौतिक सत्यापन और समीक्षा के लिए पेंशन पर रोक लगाई थी। शासन द्वारा रोक लगाए जाने के खिलाफ बिलासपुर के रामाधार चंद्रा, गुलाबानी सहित अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके साथ ही एक मीसा बंदी सीताराम कश्यप की विधवा रुपादेवी सोनी ने भी अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
मामले में सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने सरकार के निर्णय को त्रुटिपूर्ण बताया था। कोर्ट ने मीसा बंदियों व उनकी विधवाओं की रोकी गई पेंशन राशि को देने का आदेश दिया है।
न्यायायल ने अपने फैसले मे माना था कि एक दशक तक जिस पेंशन का लाभ याचिकाकर्ताओं को प्राप्त हुआ उसे बिना उनकी गलती के अचानक से बंद किया जाना अन्यायपूर्ण था। इसके साथ ही सरकार ने इस योजना के अंतर्गत पेंशन की पात्रता रखते हैं या नहीं इसकी भी कभी जांच नहीं की।
रमन सिंह के शासनकाल में शुरू हुई थी योजना
आपको बता दें आपातकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के भी सैकड़ों लोग जेल गए थे। ऐसे लोगों के परिवार को आर्थिक तौर पर सहारा देने के लिए तत्कालीन भाजपा की रमन सिंह सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम 2008 बनाया था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस की भूपेश सरकार ने साल 2019 में इस पर रोक लगा दी थी।