• 11/12/2022

वंदे भारत ट्रेन का भारी-भरकम किराया आम जनता की पहुंच से दूर, कांग्रेस ने कहा- रद्द ट्रेनों को वापस करें शुरु

वंदे भारत ट्रेन का भारी-भरकम किराया आम जनता की पहुंच से दूर, कांग्रेस ने कहा- रद्द ट्रेनों को वापस करें शुरु

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देश की छठवीं वंदे भारत ट्रेन आज से नागपुर और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के बीच दौड़नी शुरु हो गई है। छत्तीसगढ़ में इस ट्रेन के स्वागत में बीजेपी कार्यकर्ता स्टेशनों में ढोल ताशे के साथ नाचकर खुशियां मनाए। लेकिन वंदे भारत ट्रेन का सफर आम जनता की पहुंच से काफी दूर है। इस ट्रेन का किराया अन्य ट्रेनों के मुकाबले 4 गुना महंगा है।

ट्रेन में एग्जीक्यूटिव क्लास (EC) और चेयर कार (CC) कोच है। बिलासपुर से नागपुर तक एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1890 रुपये है। केटरिंग सर्विस लेने पर किराया बढ़कर 2045 रुपये हो जाता है। वहीं चेयर कार का 955 और केटरिंग सर्विस को जोड़ कर किराया 1075 रुपये है। जबकि अन्य सुपरफास्ट ट्रेनों में बिलासपुर से नागपुर स्लीपर कोच का किराया 265 रुपये और थर्ड एसी का 650 रुपये है।

बुलेट ट्रेन के नाम से चलने वाली इस ट्रेन और दूसरी ट्रेनों के बीच मात्र 50 मिनट का ही अंतर है। वंदे भारत नागपुर से बिलासपुर की दूरी 5 घंटे 30 घंटे में तय करती है। वहीं अन्य ट्रेन यही दूरी तय करने में 6 घंटे 20 मिनट का समय लगाती है।

दुर्ग जिला कांग्रेस प्रवक्ता नासिर खोखर ने कहा कि इससे बेहतर होता कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) द्वारा छत्तीसगढ़ में रद्द की गई सभी ट्रेनों को और उऩ ट्रेनों को वापस बहाल कर दिया जाता जिनके फेरे कम कर दिए गए हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा ट्रेनों को लगातार रद्द किए जाने से छत्तीसगढ़ की जनता को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। ट्रेनों के रद्द होने से मजबूरी में यात्रियों को गंतव्य स्थान जाने के लिए निजी बसों में सफर करना पड़ रहा है। जिसका फायदा निजी बस संचालकों को हो रहा है। वे यात्रियों से मनमाना किराया वसूल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल के समय से ही रेल किराए में आम आदमी को राहत ना देकर बल्कि उन पर आर्थिक बोझ बढ़ाया गया है। लोकल ट्रेनों में एक्सप्रेस का किराया लिया जा रहा है । एमएसटी पास, प्लेटफार्म टिकट से लेकर रेलवे की अन्य सुविधाओं की दर बढ़ा दी गई है ।

खोखर ने कहा कि हम रेल मंत्री और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से मांग करते हैं कि आम जनता का आर्थिक शोषण बंद करें। सभी रद्द की गई और  बंद की गई ट्रेनों को वापस बहाल किया जाए। इसके साथ ही कोरोना काल के दौरान ट्रेनों का बढ़ाया गया किराया को वापस कम किया जाए।

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