- 09/04/2023
ओल्ड या न्यू टैक्स रिजीम.. किसमें रहना है? आप से पूछेगी कंपनी, सैलरी पर भी पड़ेगा असर
नौकरीपेशा लोगों के लिए एक काम की खबर है। अब आपको इंकम टैक्स स्लैब का चुनाव करना होगा। आपको ओल्ड टैक्स स्ट्रक्चर में रहना है या फिर न्यू टैक्स रिजीम का चयन करना होगा। आप से कंपनी ये सवाल करेगी। इसी के आधार पर कंपनी आपकी सैलरी से टीडीएस (TDS) की कटौती करेगी। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इस पर स्पष्टीकर जारी किया है।
क्या है स्पष्टीकरण:
सीबीडीटी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कंपनी को कर्मचारियों से टैक्स स्ट्रक्चर के बारे में पूछना होगा कि वे ओल्ड या न्यू टैक्स रिजीम पसंद करते हैं। उसके अनुसार ही टीडीएस की कटौती करना होगा। अगर कोई कर्मचारी अपनी पसंद की टैक्स रिजीम के बारे में नहीं बताता है तो न्यू टैक्स रिजीम के तहत ही उसकी सैलरी से टीडीएस की कटौती करना होगा।
सरकार ने टैक्स पेयर को यह चुनने का विकल्प दिया है कि वे ओल्ड टैक्स स्ट्रक्चर के साथ रहना चाहते हैं या फिर न्यू टैक्स रिजीम के साथ वो जाना चाहते हैं। न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक की इंकम टैक्स फ्री है लेकिन इन टैक्स रिजीम में किसी भी तरह की छूट का लाभ नहीं ले सकते।
क्या है न्यू रिजीम का स्लैब
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्द्रीय बजट पेश किया था। जिसमें इंकम टैक्स स्लैब में बदलाव को लेकर न्यू टैक्स रिजीम लाया गया। इसमें 7 लाख तक की इंकम को टैक्स फ्री किया गया है। साथ ही स्लैब में भी बदलाव किया गया। न्यू रिजीम में 3 लाख तक की इंकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं 3 से 6 लाख तक रुपये तक आय पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख रुपये तक की इंकम पर 10 फीसदी टैक्स का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 9 से 12 लाख तक की आय पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख तक की आय पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा।