- 29/04/2023
पुलिसकर्मी के परिवार का हुक्का-पानी बंद, बात करने पर लगेगा 1051 रुपये जुर्माना
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक पुलिसकर्मी के परिवार का हुक्का-पानी बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही अगर गांव का कोई भी व्यक्ति उनके परिवार से बात करेगा तो उस पर 1051 रुपये का अर्थदंड लगेगा। दरअसल परिवार का कसूर यह है कि उसने पूर्व सरपंच द्वारा दबंगई से शासकीय जमीन पर किए जा रहे अवैध निर्माण की शिकायत तहसीलदार से की थी। अब पीड़ित पुलिस परिवार ने हुक्का पानी बंद किए जाने की शिकायत एसपी और कलेक्टर से की है।
मामला रेंगाखार जंगल थाना क्षेत्र के ग्राम बम्हनी का है। यहां चंद्रपाल चौधरी अपने परिवार के साथ रहते हैं, उनका छोटा बेटा पुलिस विभाग में कॉन्सटेबल के पद पर पदस्थ है। चौधरी परिवार का गांव से सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है। जिसके बाद गांव वालों ने उनसे दूरी बना ली है। उन्हें खेती किसानी के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। दूधवाला दूध नहीं दे रहा। चरवाहा गाय भैंस चराने नहीं ले जा रहा।
आलम यह है कि गांव में स्थित दुकानवालों ने उन्हें खाने-पीने का सामान भी देना बंद कर दिया है। यहां तक कि बच्चों का भी खेलना कूदना भी बंद करा दिया गया है। जिसकी वजह से परिवार के सामने अब जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है।
दरअसल ये पूरा विवाद एक शासकीय जमीन में अवैध कब्जे को लेकर है। आरोप है कि सरकारी जमीन पर पूर्व सरपंच डाकन सिंह ने अवैध रुप से कब्जा करके दीवार का निर्माण कर रहा था। जो कि गिर गई। डाकन सिंह ने दीवार गिराने का आरोप चंद्रपाल चौधरी के ऊपर लगाया है कि उसने तहसीलदार से दीवार निर्माण बंद कराने के लिए शिकायत की थी। डाकन सिंह ने चौधरी से 50 हजार रुपये की डिमांड की थी।
चंद्रपाल चौधरी का कहना है कि इसके बाद पूर्व सरपंच ने उनके परिवार का हुक्का-पानी बंद किए जाने की गांव में मुनादी करा दी। जिसके बाद गांव के लोगों ने उनके पूरे परिवार का बहिष्कार कर दिया है। चौधरी ने अब इसकी शिकायत एसपी कवर्धा और कलेक्टर से की है। शिकायत के बाद वो अपने घर नहीं गए हैं। उनका आरोप है कि दबंग पूर्व सरपंच उनकी हत्या तक करा सकता है।
फिलहाल इस पूरे मामले में एडिशनल एसपी मनीषा रावटे का कहना है कि पुलिस और प्रशासन की एक टीम बनाकर गांव भेजा जा रहा है। पहले दीवार बनाने के मामले को सुलझाया जाएगा उसके बाद इस पूरे मामले में कार्रवाई की जाएगी।