- 26/03/2025
राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहने पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर करणी सेना का हमला, जमकर की तोड़फोड़

समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन के आगरा स्थित आवास पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हमला बोल दिया। यह हमला सुमन द्वारा राजपूत योद्धा राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहने वाली टिप्पणी के बाद हुआ, जिसे करणी सेना ने अपमानजनक करार दिया। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने सांसद के घर पर तोड़फोड़ की और जमकर हंगामा मचाया, जिससे इलाके में तनाव फैल गया।
रामजी लाल सुमन ने हाल ही में संसद में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने राणा सांगा पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि राणा सांगा ने बाबर को भारत में आमंत्रित किया था, जिसके चलते वे ‘गद्दार’ थे। इस बयान से राजपूत समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया। करणी सेना ने इसे राणा सांगा और राजपूत समुदाय का अपमान बताते हुए सुमन के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया। इससे पहले भोपाल में सपा के मध्य प्रदेश कार्यालय पर भी करणी सेना ने प्रदर्शन किया था, जहां उन्होंने सपा के बैनर और पोस्टर फाड़ दिए थे।
बुधवार को करणी सेना के दर्जनों कार्यकर्ता आगरा में सुमन के आवास पर पहुंचे। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने सांसद के घर के बाहर लगे सपा के झंडे और होर्डिंग्स को तोड़ दिया, साथ ही वहां रखी कुर्सियों और अन्य सामान को भी नष्ट कर दिया। करणी सेना के नेता महिपाल मकराना ने इसे ‘सिर्फ एक ट्रेलर’ करार देते हुए कहा, “राणा सांगा हमारे गौरव हैं। उनके खिलाफ इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुमन को माफी मांगनी होगी, वरना हमारा आंदोलन और तेज होगा।”
घटना के दौरान रामजी लाल सुमन घर पर मौजूद नहीं थे, लेकिन उनके परिवार ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। सपा ने इस हमले को बीजेपी की साजिश करार दिया है। सपा की सांसद डिंपल यादव ने कहा, “उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बदतर है। इस तरह की हिंसा को बढ़ावा देना सरकार की नाकामी को दर्शाता है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।”
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। आगरा के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच शुरू कर दी गई है। इलाके में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
इस घटना ने राजपूत समुदाय और सपा के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। करणी सेना ने सुमन से सार्वजनिक माफी की मांग की है, जबकि सुमन ने अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा, “मैंने जो कहा, वह ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित था। यह हमला लोकतंत्र पर हमला है। मैं डरने वाला नहीं हूं।”





