- 09/04/2025
कार-होम लोन से लेकर बैंक में जमा FD तक, रेपो रेट में कटौती से क्या-क्या बदलेगा? जानिए इसका असर


भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में लगातार दूसरी बार 0.25% की कटौती का ऐलान किया है, जिसके बाद यह दर 6.25% से घटकर 6% हो गई है। यह फैसला 9 अप्रैल, 2025 को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद लिया गया। रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। इस कटौती से आम लोगों की जेब से लेकर अर्थव्यवस्था तक कई बदलाव देखने को मिलेंगे।
आइए जानते हैं कि इसका असर किन-किन क्षेत्रों पर पड़ेगा-
1. EMI होगी कम, कर्ज लेना सस्ता
रेपो रेट में कटौती का सबसे बड़ा फायदा कर्ज लेने वालों को होगा। होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन की ब्याज दरों में कमी आने की उम्मीद है। इससे मासिक किस्त (EMI) कम होगी। उदाहरण के लिए, 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन 8.5% ब्याज पर लिया गया हो, तो मौजूदा EMI करीब 26,042 रुपये है। 0.25% कटौती के बाद अगर ब्याज 8.25% हो जाता है, तो EMI घटकर 25,557 रुपये हो सकती है, यानी हर महीने 485 रुपये की बचत। बैंकों के इस लाभ को ग्राहकों तक पहुंचाने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन राहत निश्चित है।
2. अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
सस्ते कर्ज से उपभोग और निवेश बढ़ेगा। लोग घर, गाड़ियां और अन्य सामान खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे। रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर में मांग बढ़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं। छोटे और मझोले उद्यमों (MSMEs) को भी सस्ता कर्ज मिलेगा, जिससे उनका विस्तार आसान होगा।
3. बचत पर रिटर्न में कमी
हालांकि, यह कटौती बचत करने वालों के लिए अच्छी खबर नहीं है। बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और बचत खातों पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं। खासकर बुजुर्ग और रिटायर्ड लोग, जो FD से आय पर निर्भर हैं, प्रभावित हो सकते हैं। अगर बैंक इस कटौती का बोझ ग्राहकों पर डालते हैं, तो बचत से होने वाली आमदनी में कमी आएगी।
4. शेयर बाजार में उत्साह
रेपो रेट में कटौती से शेयर बाजार में तेजी की उम्मीद है। सस्ते कर्ज से कंपनियों की लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। खासकर बैंकिंग, रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर के शेयरों में उछाल देखने को मिल सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि सेंसेक्स और निफ्टी में भी सकारात्मक असर दिखेगा।
5. महंगाई पर नजर
RBI ने यह कदम महंगाई को नियंत्रित रखते हुए उठाया है। अगर मांग बहुत ज्यादा बढ़ती है, तो महंगाई बढ़ने का खतरा हो सकता है। लेकिन मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि यह कटौती संतुलित है। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “हमारा लक्ष्य विकास को समर्थन देना और महंगाई को 4% के लक्ष्य के आसपास रखना है।”
आम आदमी की उम्मीदें
इस कटौती से मध्यम वर्ग को राहत मिलने की उम्मीद है। सस्ते कर्ज से बड़े सपने जैसे घर और गाड़ी खरीदना आसान होगा। हालांकि, यह लाभ तभी मिलेगा जब बैंक इस कटौती को पूरी तरह लागू करेंगे। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने लोन की ब्याज दरों पर नजर रखें और बैंक से संपर्क