• 10/04/2025

मुंबई हमले का दोषी तहव्वुर राणा 16 साल बाद भारत में, कुछ ही देर में दिल्ली पहुंचेगी फ्लाइट

मुंबई हमले का दोषी तहव्वुर राणा 16 साल बाद भारत में, कुछ ही देर में दिल्ली पहुंचेगी फ्लाइट

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26/11 मुंबई आतंकी हमले का प्रमुख आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा आज 16 साल बाद भारतीय कानून के शिकंजे में होगा। अमेरिका से एक विशेष विमान के जरिए राणा को भारत लाया जा रहा है, जो आज दोपहर दिल्ली में लैंड करने वाला है। यह घटना भारत की कूटनीतिक और कानूनी लड़ाई में एक बड़ी जीत मानी जा रही है, क्योंकि 2008 में हुए इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की संयुक्त टीम राणा को लेकर अमेरिका से रवाना हुई है। सूत्रों के मुताबिक, यह विशेष फ्लाइट बुधवार रात (9 अप्रैल 2025) को अमेरिका से उड़ान भरी थी और इसके दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर दोपहर 12 से 1 बजे के बीच उतरने की संभावना है। राणा को भारत पहुंचते ही एनआईए की हिरासत में लिया जाएगा और उसे तिहाड़ जेल के हाई-सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा।

तहव्वुर राणा, जो मूल रूप से पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, मुंबई हमले की साजिश में शामिल होने का मुख्य आरोपी है। उसने अपने दोस्त और सह-अभियुक्त डेविड कोलमैन हेडली को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए थे, जिसके जरिए हेडली ने मुंबई में हमले की जगहों की रेकी की थी। राणा पर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) जैसे आतंकी संगठन को समर्थन देने और हमले की योजना बनाने में सहयोग करने का आरोप है। 2009 में अमेरिका में गिरफ्तार होने के बाद से वह लॉस एंजिल्स के एक जेल में बंद था।

राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया लंबी और जटिल रही। भारत ने 2020 में औपचारिक रूप से उसकी प्रत्यर्पण की मांग की थी, जिसके बाद अमेरिकी अदालतों में कई कानूनी लड़ाइयां लड़ी गईं। राणा ने अपनी प्रत्यर्पण के खिलाफ यूएस सुप्रीम कोर्ट तक अपील की, लेकिन मार्च 2025 में उसकी याचिका खारिज हो गई। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फरवरी 2025 में राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी, जिसे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक संयुक्त बयान में “आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई” का हिस्सा बताया।

दिल्ली में राणा के आगमन के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और स्वाट कमांडो पालम एयरपोर्ट पर तैनात हैं। उसे बुलेटप्रूफ वाहन में एनआईए मुख्यालय ले जाया जाएगा, जहां उससे पूछताछ शुरू होगी। इसके बाद उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा सकता है, जहां उस पर मुकदमा चलेगा। एनआईए ने पहले ही इस मामले में ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड मुंबई से दिल्ली मंगवाए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे “प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की बड़ी सफलता” करार दिया है। उन्होंने कहा, “यह 26/11 के शहीदों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने की दिशा में एक अहम कदम है।” राणा के भारत आने से उम्मीद है कि मुंबई हमले की साजिश के और राज खुल सकेंगे, जिसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका पर भी नई जानकारी सामने आ सकती है।

मुंबई हमले के बाद से अब तक केवल एक आतंकी अजमल कसाब को सजा दी जा सकी थी, जिसे 2012 में फांसी दी गई। राणा का प्रत्यर्पण इस मामले में दूसरी बड़ी कार्रवाई है, जो भारत के आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को मजबूत करता है।