- 24/04/2025
वीरता की मिसाल: पर्यटकों को बचाने के लिए अकेले आतंकियों से भिड़ा आदिल शाह, परिवार ने खोया इकलौता सहारा


जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए दिल दहलाने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 28 लोगों की जान चली गई, लेकिन इस त्रासदी के बीच एक स्थानीय घुड़सवार, सैयद आदिल हुसैन शाह की वीरता की कहानी सामने आई है, जिसने पर्यटकों को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह न करते हुए आतंकियों से अकेले भिड़ंत की।
ये कश्मीर के मेहमान, इन्हें मत मारो
30 वर्षीय आदिल हुसैन शाह, अनंतनाग जिले के हापतनार गांव के निवासी थे और पेशे से टट्टूवाले थे। वे पर्यटकों को पहलगाम के बैसरन मैदान तक घोड़े पर ले जाते थे। हमले के दौरान, जब आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू की और पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर उन्हें निशाना बनाना शुरू किया, आदिल ने असाधारण साहस दिखाया। उन्होंने एक आतंकी से राइफल छीनने की कोशिश की और चिल्लाकर कहा, “ये कश्मीर के मेहमान हैं, इन्हें मत मारो।”
रिपोर्ट्स के अनुसार, आदिल उस पर्यटक को बचाने की कोशिश कर रहे थे, जिसे वे अपने घोड़े पर ले जा रहे थे। इस संघर्ष के दौरान आतंकियों ने आदिल को गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वे इस हमले में मारे गए एकमात्र स्थानीय व्यक्ति थे, बाकी सभी पर्यटक थे।
आदिल अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे। उनके परिवार में वृद्ध माता-पिता, पत्नी और बच्चे हैं, जो अब उनके बिना असहाय स्थिति में हैं। उनके पिता, सैयद हैदर शाह ने कहा, “वह हमारा सबसे छोटा और दयालु बेटा था। उसने पर्यटकों को बचाने के लिए आतंकियों का सामना किया, लेकिन आतंकियों ने उसे सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि उसने उनका विरोध किया।” उनकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है, जिन्होंने बताया कि आदिल ही परिवार का एकमात्र सहारा था।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आदिल के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया और उनके परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। अब्दुल्ला ने कहा, “आदिल ने आतंकियों को रोकने की कोशिश की और एक आतंकी से बंदूक छीनने का प्रयास किया, जिसके कारण उसे निशाना बनाया गया। हमें उनके परिवार का ख्याल रखना होगा।”
आदिल की वीरता की कहानी सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा में है। कई यूजर्स ने उन्हें सच्चा हिंदुस्तानी और इंसानियत का प्रतीक बताया। एक यूजर ने लिखा, “आदिल शाह ने धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत को चुना और अपनी जान कुर्बान कर दी। हमें उन पर गर्व है।”