• 21/07/2025

रईसजादों पर पुलिस की नरमी, NH जाम कर रील बनाने पर हाईकोर्ट सख्त, पूछा- लग्जरी गाड़ियां क्यों नहीं जब्त कीं, सरकार से मांगा जवाब

रईसजादों पर पुलिस की नरमी, NH जाम कर रील बनाने पर हाईकोर्ट सख्त, पूछा- लग्जरी गाड़ियां क्यों नहीं जब्त कीं, सरकार से मांगा जवाब

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे-130 पर लग्जरी कारों को खड़ा कर रील बनाने और जाम लगाने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने सोमवार, 21 जुलाई 2025 को इस मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की। कोर्ट ने बिलासपुर पुलिस से सवाल किया कि हाईवे जाम करने वाली लग्जरी गाड़ियों को जब्त क्यों नहीं किया गया और केवल 2,000 रुपये की मामूली चालानी कार्रवाई क्यों की गई। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से शपथपत्र के साथ जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

क्या है पूरा मामला?

बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे पर हिर्री और चकरभाठा थाना क्षेत्र के पास कुछ रसूखदार युवकों ने नई लग्जरी कारें खरीदने का जश्न मनाने के लिए सड़क को जाम कर दिया। इनमें से मुख्य आरोपी वेदांश शर्मा, जो स्थानीय भाजपा नेता और पूर्व कांग्रेस नेता विनय शर्मा का बेटा बताया जा रहा है, ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर सात लग्जरी कारों का काफिला निकाला। इस दौरान उन्होंने नेशनल हाईवे पर कारें खड़ी कर ड्रोन और प्रोफेशनल कैमरामैन से रील शूट की, जिससे सड़क पर लंबा जाम लग गया। इस घटना से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन किसी ने भी रसूखदार युवकों से रास्ता खाली करने की हिम्मत नहीं दिखाई।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

वेदांश शर्मा ने नई टोयोटा फॉर्च्यूनर कारें खरीदने का जश्न मनाने के लिए इस फोटोशूट का आयोजन किया था। रील को इंस्टाग्राम पर उनकी आईडी से शेयर किया गया, जो जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल होने के बाद जब मामला तूल पकड़ा तो वेदांश ने अपनी इंस्टाग्राम आईडी डिलीट कर दी। इस वीडियो में सात कारों का काफिला, ड्रोन शॉट्स और खतरनाक ढंग से गाड़ियां चलाने के दृश्य साफ दिखाई दे रहे थे।

पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

बिलासपुर पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई का दावा किया, लेकिन केवल सातों गाड़ियों पर 2,000-2,000 रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ट्रैफिक) राम गोपाल करियारे ने बताया कि रतनपुर रोड पर सात गाड़ियों को खतरनाक ढंग से चलाते और कट मारते देखा गया था। एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर प्रभारी एएसआई के.के. मरकाम और उनकी टीम ने चालानी कार्रवाई की। हालांकि, पुलिस ने न तो आरोपियों के नाम और न ही गाड़ियों के नंबर सार्वजनिक किए। कार्रवाई में शामिल युवकों के नाम वेदांश शर्मा, सिद्धार्थ शर्मा, यशवंत, दुर्गेश ठाकुर, विपिन वर्मा और अभिनव पांडेय बताए गए हैं।

हाईकोर्ट की सख्ती और नाराजगी

हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने पूछा, “हाईवे को जाम कर यातायात नियमों का खुला उल्लंघन करने वाले रसूखदारों पर केवल जुर्माना क्यों लगाया गया? इन गाड़ियों को जब्त क्यों नहीं किया गया?” कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि मोटर व्हीकल एक्ट के अलावा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत सख्त धाराओं में कार्रवाई क्यों नहीं हुई। हाईकोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए सरकार से शपथपत्र के साथ जवाब मांगा है।

सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा

सोशल मीडिया पर इस घटना ने तीखी प्रतिक्रियाएं बटोरीं। एक एक्स यूजर ने लिखा, “क्या कानून सबके लिए बराबर है? आम जनता पर केस दर्ज होता, लेकिन रसूखदारों पर सिर्फ जुर्माना?” एक अन्य यूजर ने कहा, “यह व्यवस्था को चुनौती देने वाला कृत्य है। बिलासपुर पुलिस की नरमी रसूख का नतीजा है।” वायरल वीडियो में साफ दिख रहा था कि रात के समय सात कारों का काफिला हाईवे पर खड़ा कर फोटोशूट किया गया, जिससे लंबा जाम लग गया।

सियासी कनेक्शन

बताया जा रहा है कि वेदांश शर्मा स्थानीय भाजपा नेता और पूर्व कांग्रेस नेता विनय शर्मा का बेटा है, जिसके चलते पुलिस की नरम कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग इसे रसूख और सत्ता का दुरुपयोग बता रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब बिलासपुर में हाईवे पर रील बनाने और स्टंट के मामले सामने आए हैं, लेकिन सख्त कार्रवाई के अभाव में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।

आगे क्या?

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब सभी की नजरें सरकार और पुलिस के जवाब पर टिकी हैं। कोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है, जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि रसूखदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।