- 31/07/2025
अमेरिका लगाता है भारत के इन प्रोडक्ट पर 350% टैरिफ, कोरिया में 887 फीसदी तक; भारत ‘टैरिफ किंग’ या अमेरिकी आंकड़ों में विसंगति?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में सभी अमेरिकी आयातों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसके बाद वैश्विक स्तर पर ‘ट्रंप टैरिफ’ की चर्चा जोरों पर है। ट्रंप ने भारत को ‘टैरिफ किंग’ करार देते हुए दावा किया कि भारत दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है। हालांकि, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और व्यापार आंकड़ों से सामने आए तथ्य कुछ और ही कहानी बयां करते हैं।
डब्ल्यूटीओ की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत का औसत टैरिफ दर 17% है, जो ट्रंप के दावों से काफी कम है। इसके विपरीत, अमेरिका कुछ प्रमुख आयातों पर दुनिया में सबसे ऊंचे टैरिफ लगाता है। उदाहरण के लिए, अमेरिका तंबाकू पर 350%, डेयरी उत्पादों पर 200%, और फलों, सब्जियों व अनाज पर 130% से अधिक टैरिफ वसूलता है। दूसरी ओर, भारत के कुछ उच्च टैरिफ, जैसे व्हिस्की और वाइन पर 150% या ऑटोमोबाइल पर 125%, अन्य देशों जैसे जापान (चावल पर 400%) और दक्षिण कोरिया (कुछ उत्पादों पर 887% तक) के टैरिफ के समकक्ष हैं।
2023-24 के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका से भारत के कुल 42.2 अरब डॉलर के आयात में शीर्ष 100 वस्तुएं 75% हिस्सा रखती हैं, जिन पर भारत का टैरिफ राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। इसके बावजूद, अमेरिका भारत से आयात पर औसतन 5% से कम टैरिफ लगाता है, जो ट्रंप के ‘उच्च टैरिफ’ के दावे को कमजोर करता है।
व्यापार आंकड़ों में विसंगति
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताओं को जटिल बनाने वाली एक बड़ी समस्या है आंकड़ों में विसंगति। 2024 में, अमेरिका ने भारत से 87.4 अरब डॉलर के आयात दर्ज किए, जबकि भारत के रिकॉर्ड में यह आंकड़ा 80.7 अरब डॉलर था—यानी 6.7 अरब डॉलर का अंतर। 2023 में भी 8 अरब डॉलर की ऐसी ही विसंगति देखी गई थी। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के वाणिज्य और राजस्व विभाग इन विसंगतियों को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि वैश्विक डेटाबेस भारत के स्व-रिपोर्टेड टैरिफ आंकड़ों पर निर्भर करते हैं, जबकि अमेरिकी आंकड़े डब्ल्यूटीओ के रिकॉर्ड से लिए जाते हैं, जिससे यह अंतर बढ़ता है और व्यापार वार्ताओं में भ्रम पैदा होता है।
भारत-अमेरिका व्यापार और टैरिफ की चुनौतियां
ट्रंप की 25% टैरिफ नीति 1 अगस्त 2025 से लागू होने वाली है, जिसमें भारत से आयातित वस्तुओं पर भी यह शुल्क लागू होगा। ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल और हथियार खरीदने के लिए अतिरिक्त ‘अघोषित दंड’ लगाने की भी बात कही है। भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत एक “निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी” व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि भारत अपने किसानों और छोटे उद्यमियों के हितों की रक्षा करेगा, खासकर डेयरी और कृषि क्षेत्र में, जो व्यापार वार्ताओं में प्रमुख विवाद का विषय रहे हैं।
2024 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 190 अरब डॉलर तक पहुंचा था, जिसमें अमेरिका का व्यापार घाटा 45.8 अरब डॉलर रहा। ट्रंप ने इस घाटे को कम करने के लिए टैरिफ को हथियार बनाया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत के लिए प्रतिस्पर्धी नुकसान पैदा कर सकता है, खासकर जब वियतनाम जैसे देशों पर 20% की कम टैरिफ दर लागू की गई है
विशेषज्ञों का कहना है कि इन टैरिफ और व्यापार विसंगतियों का असर भारत के प्रमुख निर्यातों जैसे फार्मास्यूटिकल्स, रत्न-आभूषण, और पेट्रोकेमिकल्स पर पड़ सकता है। भारत सरकार ने कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी, और वह अमेरिका के साथ रचनात्मक संवाद के लिए तैयार है।