- 21/08/2025
‘सांसदों का वेतन और भत्ता रोका जाए’, आखिर इस सांसद ने क्यों उठाई ऐसी मांग, वजह जान आप भी कहेंगे बिल्कुल सही

लोकसभा के मॉनसून सत्र में हंगामे के कारण कार्यवाही बुरी तरह प्रभावित रही। इस सत्र के लिए चर्चा के लिए 120 घंटे का समय निर्धारित था, लेकिन केवल 37 घंटे ही चर्चा हो सकी, जिसमें ज्यादातर समय ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्रित रहा। बाकी समय हंगामे में बीता, जिसके चलते कई विधेयक पर्याप्त चर्चा के बिना पारित कर दिए गए। इस बीच, दमन और दीव के निर्दलीय सांसद उमेश पटेल ने संसद भवन परिसर में अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन कर सुर्खियां बटोरी हैं।
उमेश पटेल ने बैनर लेकर प्रदर्शन किया, जिसमें लिखा था, “माफी मांगो, सत्ता पक्ष और विपक्ष माफी मांगो।” उन्होंने मांग की कि अगर सदन नहीं चलता, तो सांसदों का वेतन और अन्य लाभ रोके जाएं। उनका कहना है कि सांसदों को भत्ता तो मिलता है, लेकिन जनता के मुद्दों पर काम नहीं हो पा रहा है। पटेल ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष की आपसी इगो के कारण सदन ठप्प पड़ा है, जबकि विपक्षी दल सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
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पहले भी उठाई थी मांग
यह पहली बार नहीं है जब उमेश पटेल ने ऐसी मांग उठाई हो। लगभग दो हफ्ते पहले भी उन्होंने कहा था कि अगर सदन नहीं चलता, तो सांसदों को भत्ता नहीं मिलना चाहिए। उनका तर्क है कि सांसदों को सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन जनता के हित में कोई ठोस काम नहीं हो रहा। इस बार उनके प्रदर्शन ने एक बार फिर इस मुद्दे को गर्माया है।
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उमेश पटेल, जो दमन-दीव से निर्दलीय सांसद के रूप में चुने गए हैं, अपने जन-हितैषी रुख के लिए जाने जाते हैं। उनका कहना है कि संसद को जनता की आवाज बनना चाहिए, न कि राजनीतिक रस्साकशी का मैदान। इस मांग से न केवल सांसदों के बीच चर्चा शुरू हुई है, बल्कि जनता के बीच भी इसे लेकर अलग-अलग राय सामने आ रही हैं।