- 27/08/2025
धर्मांतरण के लिए ‘हनी-ट्रैप’: मुस्लिम लड़कियों से ‘हनी-ट्रैप’ में फंसवाकर कराते थे धर्मांतरण, 13 राज्यों के 30 जिलों में फैला रैकेट, मौलवी सहित 4 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश पुलिस ने बरेली में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश किया है। ये गिरोह मुस्लिम लड़कियों का इस्तेमाल कर ‘हनी-ट्रैप’ के जरिए हिंदू युवकों को फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन कराता था। इस गिरोह के चार सदस्यों, जिनमें फैजनगर के मदरसे का मौलवी अब्दुल मजीद (35), सलमान (30), मोहम्मद आरिफ और फहीम शामिल हैं, को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने एक नेत्रहीन युवक प्रभात उपाध्याय को मदरसे में बंधक बनाए जाने के बाद मुक्त कराया, जिसका जबरन धर्म परिवर्तन कर नाम ‘हामिद’ रखा गया था।
पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) अंशिका वर्मा ने बताया कि यह रैकेट 13 राज्यों के 30 जिलों में फैला हुआ था और 2014 से सक्रिय था। यह गिरोह गरीब, अविवाहित और दिव्यांग हिंदू युवकों को शादी और पैसे का लालच देकर फंसाता था। पेशे से दर्जी सलमान मुस्लिम लड़कियों से शादी का झांसा देकर हिंदू परिवारों से संपर्क करता था, जबकि नाई फहीम अपनी दुकान पर संभावित शिकार की पहचान करता था। इसके बाद, युवकों को मदरसे में लाकर धार्मिक साहित्य और सीडी के जरिए ‘ब्रेनवॉश’ कर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता था।
छापेमारी में बरामद हुई आपत्तिजनक सामग्री
पुलिस ने मदरसे पर छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में धार्मिक साहित्य, सीडी और धर्म परिवर्तन के प्रमाण पत्र बरामद किए। अब तक छह लोगों की पहचान की जा चुकी है, जिनका इस गिरोह ने धर्म परिवर्तन कराया था। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के 21 बैंक खातों का पता लगाया है, जिनमें बड़े पैमाने पर लेन-देन का विवरण मिला है। पुलिस को संदेह है कि इस रैकेट ने कई अन्य लोगों का भी धर्म परिवर्तन कराया होगा।
शिकायत पर शुरू हुआ ऑपरेशन
यह कार्रवाई अलीगढ़ निवासी अखिलेश कुमारी की शिकायत पर शुरू हुई, जिन्होंने बताया कि उनके दृष्टिहीन बेटे प्रभात उपाध्याय को मुस्लिम लड़की से शादी का लालच देकर अब्दुल मजीद ने फंसाया। प्रभात को मदरसे में बंधक बनाकर उसका धर्म परिवर्तन कराया गया और उसका नाम बदलकर ‘हामिद’ रखा गया। शिकायतकर्ता को विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभात को मुक्त कराया और उसे परिवार को सौंप दिया।
कानूनी कार्रवाई और जांच
आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस रैकेट के पूरे नेटवर्क की जांच कर रही हैं, जिसमें विदेशी फंडिंग की आशंका भी शामिल है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह ने लंबे समय तक संगठित तरीके से धर्मांतरण की गतिविधियां चलाईं। जांच में और खुलासे होने की संभावना है।