• 04/09/2025

कवर्धा में बवाल: कांग्रेस नेता ने CM विष्णुदेव साय के पोस्टर पर पोता गोबर, सर्व आदिवासी समाज का फूटा गुस्सा.. जानें क्या है पूरा मामला

कवर्धा में बवाल: कांग्रेस नेता ने CM विष्णुदेव साय के पोस्टर पर पोता गोबर, सर्व आदिवासी समाज का फूटा गुस्सा.. जानें क्या है पूरा मामला

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक विवादास्पद घटना ने सियासी तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस नेता तुकाराम चंद्रवंशी ने घायल गौवंश के इलाज के लिए पशु चिकित्सक के फोन न उठाने पर गुस्से में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पोस्टर पर गोबर फेंक दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सर्व आदिवासी समाज ने गुरुवार, 4 सितंबर 2025 को कवर्धा कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना शुरू कर दिया, जिसमें तुकाराम चंद्रवंशी की गिरफ्तारी की मांग की गई।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, तुकाराम चंद्रवंशी ने एक घायल गौवंश के इलाज के लिए स्थानीय पशु चिकित्सक को फोन किया, लेकिन डॉक्टर ने उनका फोन नहीं उठाया। इससे नाराज चंद्रवंशी ने कवर्धा में सड़क किनारे लगे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के होर्डिंग पर गोबर पोत दिया। इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद स्थानीय स्तर पर विवाद बढ़ गया।

सर्व आदिवासी समाज का विरोध

वीडियो वायरल होने के बाद सर्व आदिवासी समाज ने इस कृत्य को अपमानजनक बताते हुए कवर्धा कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना शुरू किया। समाज के सदस्यों ने इसे मुख्यमंत्री और आदिवासी समुदाय के सम्मान पर हमला करार दिया, क्योंकि विष्णुदेव साय स्वयं आदिवासी समुदाय से आते हैं। धरने में शामिल लोगों ने मांग की कि तुकाराम चंद्रवंशी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और उनकी गिरफ्तारी हो।

सियासी घमासान

यह घटना छत्तीसगढ़ की सियासत में नया विवाद लेकर आई है। जहां एक ओर कांग्रेस नेता तुकाराम चंद्रवंशी ने पशु चिकित्सा सेवाओं की कमी को लेकर सरकार पर निशाना साधा, वहीं सर्व आदिवासी समाज और बीजेपी समर्थकों ने इसे मुख्यमंत्री के अपमान से जोड़कर देखा। बीजेपी नेताओं ने इसे कांग्रेस की हताशा और अनुशासनहीनता का उदाहरण बताया।

पुलिस और प्रशासन की चुप्पी

अभी तक पुलिस या जिला प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, धरने के बाद पुलिस पर दबाव बढ़ गया है कि तुकाराम चंद्रवंशी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

यह घटना कवर्धा में सामुदायिक और राजनीतिक तनाव को बढ़ा सकती है। सर्व आदिवासी समाज ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। दूसरी ओर, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने तुकाराम चंद्रवंशी के कृत्य को व्यक्तिगत गुस्सा बताते हुए इसे पार्टी से जोड़ने से इनकार किया है।