- 24/09/2025
Breaking: चैतन्य बघेल 13 दिन की EOW की कस्टडी में, शराब घोटाले में पूर्व CM के बेटे की बढ़ेगी मुश्किलें

छत्तीसगढ़ के 3,200 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW-ACB) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 6 अक्टूबर तक और सह-आरोपी दीपेन चावड़ा को 29 सितंबर तक कस्टोडियल रिमांड पर लिया है। बुधवार को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में चैतन्य को रायपुर सेंट्रल जेल से पेश किया गया, जहां EOW-ACB के प्रोडक्शन वारंट पर सुनवाई के बाद यह फैसला लिया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य को 18 जुलाई 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया था, और तब से वह जेल में हैं। ED ने चैतन्य पर शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई और 1,000 करोड़ की लेयरिंग का आरोप लगाया है।
प्रोडक्शन वारंट और जमानत याचिका का सफर
EOW-ACB ने चैतन्य की गिरफ्तारी के लिए पहले भी प्रोडक्शन वारंट दाखिल किया था, लेकिन चैतन्य के वकील ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर गिरफ्तारी टालने की कोशिश की। हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट का रुख करने की सलाह दी। स्पेशल कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद EOW ने दोबारा प्रोडक्शन वारंट दाखिल किया। बुधवार को कोर्ट ने EOW को 13 दिन की रिमांड दी, ताकि घोटाले की गहराई तक जांच हो सके। दीपेन चावड़ा, जो सिंडिकेट का हिस्सा माने जाते हैं, को भी 5 दिन की रिमांड पर लिया गया।
ED का दावा: 16.70 करोड़ की कमाई, रियल एस्टेट में निवेश
ED ने अपनी 7,039 पेज की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में चैतन्य को घोटाले का प्रमुख लाभार्थी बताया। जांच में पाया गया:
विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट: चैतन्य की कंपनी बघेल डेवलपर्स में 16.70 करोड़ रुपये घोटाले के पैसे से निवेश किए गए। प्रोजेक्ट का वास्तविक खर्च 13-15 करोड़ था, लेकिन रिकॉर्ड में 7.14 करोड़ दिखाया गया। 4.2 करोड़ का कैश पेमेंट बिना रिकॉर्ड के हुआ।
फर्जी फ्लैट खरीद: त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने 5 करोड़ में 19 फ्लैट कर्मचारियों के नाम खरीदे, लेकिन पेमेंट खुद किया। यह 19 अक्टूबर 2020 को एक दिन में हुआ।
ज्वेलर्स का लोन: भिलाई के ज्वेलर्स ने 5 करोड़ का लोन दिया, बदले में 80 लाख के 6 प्लॉट खरीदे। यह पैसा घोटाले का कैश था, जिसे बैंक ट्रांसफर से ‘लीगल’ दिखाया गया।
लेयरिंग का जाल: पैसा ढिल्लन सिटी मॉल से ढिल्लन ड्रिंक्स, फिर कर्मचारियों के जरिए बघेल डेवलपर्स तक पहुंचा। अनवर ढेबर, दीपेन चावड़ा, केके श्रीवास्तव और रामगोपाल अग्रवाल इस चैन का हिस्सा थे।
ED के वकील सौरभ पांडेय ने कहा, “पप्पू बंसल के बयान, मोबाइल चैट और डिजिटल साक्ष्यों से चैतन्य की संलिप्तता साबित हुई। 1,000 करोड़ की लेयरिंग में उनकी भूमिका थी।” घोटाले से राज्य को 2,161 करोड़ का नुकसान हुआ।
शराब घोटाला: 3,200 करोड़ का खेल
ED और ACB की FIR में 3,200 करोड़ का घोटाला दर्ज है, जिसमें IAS अनिल टुटेजा, आबकारी MD एपी त्रिपाठी और अनवर ढेबर का सिंडिकेट शामिल था। घोटाला तीन हिस्सों में बंटा था:
- A: डिस्टलरी कमीशन: प्रति पेटी 75-100 रुपये कमीशन। टेंडर में कीमतें बढ़ाईं, ओवर बिलिंग की छूट।
- B: नकली होलोग्राम: 40 लाख पेटी नकली होलोग्राम से बिकी। विधु गुप्ता (होलोग्राम), अरविंद-अमित सिंह (बोतलें/ट्रांसपोर्ट)। MRP 2,880 से 3,840 रुपये।
- C: सप्लाई जोन: 8 जोन में डिस्टलरी एरिया बदलकर 52 करोड़ की वसूली।