- 18/10/2025
नक्सली खेमे में भगदड़: एक और बड़े सरेंडर की तैयारी, नक्सल नेता ने साथियों से कहा- देरी मत करो नहीं तो..

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में नक्सली संगठन की उदंती एरिया कमेटी के प्रमुख नेता सुनील ने एक पर्चा जारी कर सशस्त्र आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की है। सुनील ने अपने साथी नक्सलियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है, ताकि वे जनांदोलनों के माध्यम से जनता की समस्याओं का समाधान कर सकें। इस पर्चे में सुनील ने वर्तमान परिस्थितियों को सशस्त्र संघर्ष के लिए अनुपयुक्त बताते हुए सेंट्रल कमेटी की देरी से निर्णय लेने की गलती को भी स्वीकार किया है। गरियाबंद पुलिस ने इस पर्चे की प्रामाणिकता की जांच शुरू कर दी है।
पर्चे में सुनील ने लिखा है कि पहले सोनू दादा ने महाराष्ट्र में 60 साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया था। उसके बाद बस्तर क्षेत्र में नेता रूपेश ने 210 नक्सलियों को लेकर हथियार डाले और सरकार को सौंप दिए। इन घटनाओं को उदाहरण बताते हुए सुनील ने कहा कि सशस्त्र आंदोलन को विराम देकर अब जनता के बीच रहकर संघर्ष को आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि फोर्स का दबाव बढ़ गया है और क्रांति को मूल रूप से चलाने में असफलता हुई है। इसलिए, उदंती टीम गरियाबंद में सशस्त्र आंदोलन को तत्काल समाप्त कर रही है।
सुनील ने गोबरा, सीनापाली, एसडीके और सीतानदी यूनिट के सभी साथियों से अपील की है कि वे सोच-समझकर सही फैसला लें। उन्होंने कहा, “अभी हमारे पास मौका है। पहले हमें बचना है, उसके बाद संघर्ष को आगे बढ़ाना है।” साथ ही चेतावनी दी कि देरी न करें, वरना पहले की तरह कई साथी खोने पड़ सकते हैं। सुनील ने 20 अक्टूबर को सभी को एकत्रित होने के लिए अपना मोबाइल नंबर भी जारी किया है।
राज्य सरकार की ‘नक्सली आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025’ के तहत सरेंडर करने वालों को तीन वर्ष तक 10,000 रुपये मासिक स्टाइपेंड, आवासीय भूखंड या कृषि भूमि तथा 120 दिनों में पूर्ण पुनर्वास की गारंटी दी जाती है। इस साल अब तक गरियाबंद में 27 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि पूरे राज्य में सैकड़ों नक्सली मुख्यधारा में लौट चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में मार्च 2026 तक नक्सलवाद उन्मूलन के संकल्प को दोहराते हुए बाकी नक्सलियों से हथियार डालने की अपील की है।