- 21/04/2025
ACB की कार्रवाई: बिजली अभियंता और पटवारी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, जानें मामला


छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सोमवार को रायपुर और कोरबा जिलों में दो अलग-अलग मामलों में कार्रवाई करते हुए दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। रायपुर में बिजली विभाग के सहायक अभियंता और कोरबा में एक पटवारी को शिकायतकर्ताओं की रिपोर्ट के आधार पर ट्रैप ऑपरेशन में पकड़ा गया। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
रायपुर में बिजली अभियंता गिरफ्तार
रायपुर जिले के चंगोराभाठा जोन में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी में तैनात सहायक अभियंता प्रवीण साहू को एसीबी ने 25,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता शिवाजी राव, जो भिलाई के चरोदा निवासी हैं, ने बताया कि वह एयर कंडीशनर सर्विस का व्यवसाय शुरू करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 12 किलोवाट थ्री-फेज बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था।
प्रवीण साहू ने कनेक्शन देने के बदले 25,000 रुपये की रिश्वत मांगी। शिवाजी ने इसकी शिकायत एसीबी रायपुर से की। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद सोमवार को जाल बिछाया और प्रवीण साहू को रिश्वत की रकम लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। रिश्वत की राशि स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में बरामद की गई।
कोरबा में पटवारी रंगे हाथ पकड़ा गया
दूसरी कार्रवाई कोरबा जिले के पाली तहसील में हुई, जहां पटवारी सुल्तान सिंह बंजारा को एसीबी बिलासपुर की टीम ने 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता समर सिंह, जो दुल्लापुर गांव के निवासी हैं, ने बताया कि वह पिछले 40 वर्षों से सवा तीन एकड़ जमीन पर काबिज हैं। इस जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए पटवारी सुल्तान सिंह ने 25,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी।
समर सिंह ने एसीबी से संपर्क किया, जिसके बाद बिलासपुर की टीम ने शिकायत की जांच की। सोमवार को पहली किश्त के रूप में 10,000 रुपये की रिश्वत लेते समय सुल्तान सिंह को ट्रैप ऑपरेशन में पकड़ा गया। रिश्वत की रकम बरामद कर ली गई है।
एसीबी ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 13 के तहत मामले दर्ज किए हैं। गिरफ्तारी के बाद प्रवीण साहू और सुल्तान सिंह को रायपुर और बिलासपुर के विशेष एसीबी कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एसीबी ने दोनों के बैंक खातों, संपत्तियों और वित्तीय लेनदेन की जांच शुरू कर दी है ताकि रिश्वतखोरी के अन्य संभावित मामलों का पता लगाया जा सके।