• 22/06/2025

‘उड़ता काल’..बंकर बस्टर.. अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया हमला, B-2 बॉम्बर, F-22 रैप्टर और GBU-57 जानें कितने घातक हैं

‘उड़ता काल’..बंकर बस्टर.. अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया हमला, B-2 बॉम्बर, F-22 रैप्टर और GBU-57 जानें कितने घातक हैं

इजरायल-ईरान जंग में अब अमेरिका की भी एंट्री हो गई है। अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया। इस ऑपरेशन में अमेरिका ने अपने सबसे उन्नत हथियारों—B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर, F-22 रैप्टर फाइटर जेट, GBU-57 बंकर बस्टर बम, और MQ-9 रीपर ड्रोन—का इस्तेमाल किया। यह हमला इतना सटीक और घातक था कि ईरान की हवाई सुरक्षा व्यवस्था को भनक तक नहीं लगी।

B-2 स्टील्थ बॉम्बर: रडार से अदृश्य, तबाही का पर्याय

B-2 स्पिरिट बॉम्बर, अपनी स्टील्थ तकनीक के लिए मशहूर, इस हमले का मुख्य हथियार था। इसकी खासियतें इसे दुश्मन के लिए ‘उड़ता काल’ बनाती हैं:

  • रडार से बचाव: इसकी फ्लाइंग विंग डिजाइन और रडार-शोषक सामग्री इसे लगभग अदृश्य बनाती है।
  • पेलोड क्षमता: प्रत्येक B-2 दो GBU-57 बंकर बस्टर बम ले जा सकता है, जिनका वजन 30,000 पाउंड (13,600 किग्रा) है।
  • लक्ष्य: फोर्डो जैसे गहरे भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने के लिए B-2 ने इन बमों का इस्तेमाल किया, जो 60 मीटर मोटी कंक्रीट को भेद सकते हैं।

F-22 रैप्टर: हवाई सुरक्षा का अभेद्य कवच

F-22 रैप्टर फाइटर जेट्स ने B-2 बॉम्बर्स को हवाई कवर प्रदान किया। इसकी विशेषताएं इसे हवा में बेजोड़ बनाती हैं:

  • स्टील्थ और गति: F-22 की रडार से बचने की क्षमता और 2,410 किमी/घंटा की रफ्तार इसे दुश्मन के लिए पकड़ना मुश्किल बनाती है।
  • हथियार: AIM-120 AMRAAM और AIM-9 साइडवाइंडर मिसाइलों से लैस F-22 ने ईरान के हवाई रक्षा सिस्टम को दबाने में अहम भूमिका निभाई।

GBU-57 बंकर बस्टर: जमीन के भीतर तबाही

GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर, जिसे बंकर बस्टर कहा जाता है, फोर्डो जैसे गहरे परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है:

  • शक्ति: 5,300 पाउंड विस्फोटक से लैस यह बम 200 फीट मिट्टी या 60 मीटर कंक्रीट को भेद सकता है।
  • सटीकता: GPS-आधारित मार्गदर्शन इसे पिन-पॉइंट सटीकता देता है, जिसने फोर्डो, नतांज और इस्फहान को तबाह किया।

JDAM और ALCM: स्मार्ट हमले की रीढ़

हमले की शुरुआत में अमेरिका ने एयर लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल्स (ALCM) दागीं, जिन्होंने ईरान के रडार और संचार सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया। इसके बाद जॉइंट डायरेक्ट अटैक म्यूनिशन (JDAM) का इस्तेमाल हुआ:

  • JDAM: ये GPS-निर्देशित स्मार्ट बम सटीक निशाने के लिए जाने जाते हैं, जिन्होंने परमाणु ठिकानों की बाहरी संरचनाओं को नष्ट किया।
  • ALCM: इन मिसाइलों ने हमले से पहले ईरान की रक्षा प्रणाली को कमजोर कर B-2 के लिए रास्ता साफ किया।

MQ-9 रीपर ड्रोन: सर्जिकल स्ट्राइक का मास्टर

अमेरिकी स्पेशल ऑपरेशन्स कमांड (SOCOM) ने MQ-9 रीपर ड्रोन का उपयोग कर ईरान के ड्रोन और मिसाइल भंडारों पर सर्जिकल स्ट्राइक की:

  • हथियार: हेलफायर मिसाइलों से लैस ये ड्रोन ऊंचाई से सटीक हमले करते हैं।
  • क्षमता: छोटे ठिकानों को बिना चूक के नष्ट करने में माहिर, इन ड्रोनों ने ईरान के हथियार भंडारों को भारी नुकसान पहुंचाया।

यह हमला इजरायल के ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ का हिस्सा था, जिसका लक्ष्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे “पूर्ण सफलता” बताया, जबकि ईरान ने दावा किया कि उसके ठिकाने पहले ही खाली कर लिए गए थे। फोर्डो, नतांज और इस्फहान को भारी नुकसान होने की खबरें हैं, जिससे ईरान का परमाणु कार्यक्रम सालों पीछे जा सकता है।

हालांकि, ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है, जिससे मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस हमले के दीर्घकालिक परिणामों को लेकर चिंतित है।