- 18/04/2025
सुकमा का बड़ेसट्टी बना छत्तीसगढ़ का पहला नक्सलमुक्त गांव, अंतिम 11 नक्सलियों का सरेंडर, सरकार देगी विकास के लिए गांव को 1 करोड़ रुपये


छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के बड़ेसट्टी गांव ने इतिहास रच दिया है। यह गांव प्रदेश का पहला नक्सलमुक्त गांव बन गया है, जहां अंतिम 11 सक्रिय नक्सलियों ने शुक्रवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। छत्तीसगढ़ सरकार की नई नक्सल नीति के तहत बड़ेसट्टी ग्राम पंचायत को विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी।
सूबे के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस घटना को नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार की संवेदनशील और दूरदर्शी नीति का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शुरू की गई ‘नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025’ और ‘इलवद पंचायत योजना’ ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बड़ेसट्टी का नक्सलमुक्त होना पूरे बस्तर क्षेत्र के लिए एक प्रेरणादायक संदेश है कि विकास ही बदलाव का रास्ता है।”
शुक्रवार को 11 नक्सलियों की पहचान के बाद उनके आत्मसमर्पण के साथ ही यह गांव पूरी तरह माओवाद मुक्त हो गया। आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को 50,000 रुपये की प्रारंभिक सहायता दी गई है, और सरकार की नीति के तहत उनका पुनर्वास किया जाएगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि नक्सलमुक्त गांवों को विकास के लिए 1 करोड़ रुपये की निधि दी जाएगी। उन्होंने ग्राम सभाओं से अपील की कि वे नक्सलियों को सरेंडर के लिए प्रेरित करें।
क्या है इलवद पंचायत योजना?
‘इलवद पंचायत योजना’ के तहत उन ग्राम पंचायतों को 1 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की स्वीकृति दी जाती है, जो अपने क्षेत्र को नक्सलमुक्त घोषित करती हैं। बड़ेसट्टी की इस उपलब्धि से सुकमा और बस्तर के अन्य गांवों में भी नक्सलमुक्ति और विकास की उम्मीद जगी है। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने दावा किया कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा।