- 28/03/2024
Big Breaking: कांग्रेस को फिर बड़ा झटका, देश की सबसे अमीर महिला ने पार्टी से दिया इस्तीफा, नेटवर्थ जानकर रह जाएंगे हैरान
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। अब देश की सबसे अमी महिला में शुमार और उद्योगपति घराने की सावित्री जिंदल ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर अपने इस्तीफे का ऐलान किया है। हाल ही में उनके बेटे नवीन जिंदल भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सावित्री जिंदल भी बीजेपी का दामन थाम सकती हैं।
सावित्री जिंदल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए लिखा, “मैंने विधायक के रूप में 10 साल हिसार की जनता का प्रतिनिधित्व किया और मंत्री के रूप में हरियाणा प्रदेश की निस्वार्थ सेवा की है। हिसार की जनता ही मेरा परिवार है और मैं अपने परिवार की सलाह पर आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूंष कांग्रेस नेतृत्व के समर्थन के लिए व सभी साथियों का, जिन्होंने हमेशा मुझे अपना सहयोग और मान-सम्मान दिया, उनकी सदैव आभारी रहूंगी।”
मैंने विधायक के रूप में 10 साल हिसार की जनता का प्रतिनिधित्व किया और मंत्री के रूप में हरियाणा प्रदेश की निस्वार्थ सेवा की है।
हिसार की जनता ही मेरा परिवार है और मैं अपने परिवार की सलाह पर आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं । कांग्रेस नेतृत्व के समर्थन…
— Savitri Jindal (@SavitriJindal) March 27, 2024
देश की टॉप 5 अमीरों में शुमार
ब्लूमबर्ग बिलनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला हैं। वे देश की टॉप 5 अमीरों में से एक हैं। वहीं दुनिया के अमीरों की लिस्ट में सावित्री जिंदल 56 वें स्थान पर हैं। उनकी कुल संपत्ति 30 अरब डॉलर यानी कि 2.5 लाख करोड़ रुपये है। सावित्री जिंदल दुनिया की 7 वीं सबसे अमीर मां भी हैं। वे ओपी जिंदल ग्रुप के चेयरमैन हैं।
विधायक से मंत्री तक का सफर
सावित्री जिंदल 10 साल तक हरियाणा के हिसार विधानसभा सीट से विधायक रही हैं। वे हरियाणा सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं। 2005 में उनके पति और जिंदल ग्रुप के संस्थापक ओपी जिंदल की एक प्लेन क्रैश में मौत के बाद उन्होंने हिसार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। साल 2009 में वे दुबारा इस सीट से निर्वाचित हुईं। वे 2013 तक हरियाणा सरकार में मंत्री रहीं। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।