• 27/09/2022

BIG BREAKING : अडानी की कोल खदान के लिए हसदेव के जंगल में कटाई फिर शुरु, विरोध कर रहे डेढ़ दर्जन से ज्यादा ग्रामीण गिरफ्तार

BIG BREAKING : अडानी की कोल खदान के लिए हसदेव के जंगल में कटाई फिर शुरु, विरोध कर रहे डेढ़ दर्जन से ज्यादा ग्रामीण गिरफ्तार

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कोयला खनन के लिए छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एक बार फिर से जंगल कटाई शुरु हो गई है। जंगल कटाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ग्रामीणों को गिरफ्तार करने के साथ ही अडानी की कंपनी ने वन विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से सुबह 5 बजे से ही पेड़ों की कटाई शुरु कर दी है। जंगल जाने के रास्ते में बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है और ग्रामीणों को कटाई वाले क्षेत्र में जाने नहीं दिया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि पेड़ों की कटाई पेण्ड्रामरा जंगल इलाके में हो रही है। परसा ईस्ट केते बासन खदान के दूसरे चरण के लिए यहां पेड़ों की कटाई शुरु की गई है। खदान के लिए अभी 138 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले जंगल को काटा जाएगा बल्कि घाटबर्रा गांव को भी उजाड़ा जाएगा। इसके बाद 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में और कटाई की जाएगी।

डेढ़ दर्जन से ज्यादा ग्रामीण गिरफ्तार

जंगल काटे जाने की सुगबुगाहट के बीच मंगलवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण कटाई क्षेत्र के पास पहुंचने लगे थे। ग्रामीण कोल खदान के लिए पेड़ा काटे जाने का विरोध कर रहे थे। ग्रामीणों को विरोध को देखते हुए पुलिस ने हसदेव बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक और पतुरियाडांड के सरपंच उमेश्वर सिंह आर्मो, घाटबर्रा के सरपंच जयनंदन सिंह पोर्ते, बासेन के सरपंच श्रीपाल सिंह सहित डेढ़ दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया।

ग्रामीणों के मुताबिक मोरगा पुलिस ने सुबह 4 बजे उमेश्वर सिंह आर्मो को गिरफ्तार किया है। पेण्ड्रामार घाटबर्रा जंगल जाने वाले हर रास्ते पर बड़ी संख्या में फोर्स को तैनात किया गया है और किसी भी ग्रामीण को जंगल नहीं जाने दिया जा रहा है। सुबह से ही 200 से ज्यादा इलेक्ट्रिक मशीनों के साथ जंगल की कटाई शुरु कर दी गई है।

1100 हेक्टेयर में फैला जंगल काटा जाएगा

इस मामले में मीडिया से बात करते हुए कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि परसा ईस्ट केते बासन फेस 2 के लिए कटाई की जा रही है। अभी 43 हेक्टेयर का जंगल काटा जा रहा है। इसके बाद 1100 हेक्टेयर क्षेत्र में जंगल की कटाई की जाएगी।

हमको मार दिया जाए फिर काटें

ग्रामीणों का कहना है कि हसदेव के जंगल को काटने के लिए पूरा जिला प्रशासन सुबह 6 बजे से आ चुका है। हमारे जंगल को पुलिस बल ने चारों तरफ से घेर लिया है। किसी भी स्थानीय को जंगल की ओर जाने नहीं दिया जा रहा है। एक-एक करके पुलिस सभी को उठा रही है। और जो लोग बच गए हैं उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा है। अपने वीडियो संदेश में ग्रामीण ने सरकार से कहा, पहले हमको मार दिया जाए फिर हमारा जंगल काटा जाए।

प्रदर्शन की तैयारी

जंगल कटाई के विरोध में पर्यावरण प्रेमी राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में एक बार फिर से धरना प्रदर्शन करने की तैयारी में जुट गए हैं। पिछली दफा न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी हसदेव कटाई के विरोध में पर्यावरण प्रेमियों ने प्रदर्शन किया था।

आपको बता दें सरगुजा और सूरजपुर जिले में 1252.47 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले परसा कोल खदान का 841.538 हेक्टेयर इलाका जंगल का है। इस कोयला खदान को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आबंटित किया गया है। राजस्थान सरकार ने इसका माइनिंग डेवलपर कम ऑपरेटर (एमडीओ) के आधार पर अडानी समूह को दिया है।

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