- 02/05/2024
IPS जीपी सिंह को हाईकोर्ट से भी बड़ी राहत, ब्लैकमेल करने वाली FIR पर लगी रोक


आईपीएस जीपी सिंह को बिलासपर हाईकोर्ट से भी बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी है। जीपी सिंह ने एफआईआर निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
जानकारी के मुताबिक साल 2015 में दुर्ग निवासी कमल सेन और बिल्डर सिंघानिया के बीच व्यावसायिक लेन-देन को लेकर विवाद हुआ था। सिंघानिया ने कमल सेन के खिलाफ खिलाफ केस दर्ज करा दिया। आरोप है कि मामले का जल्दी चालान पेश करने और धाराएं कम करने के एवज में जीपी सिंह ने कमल सेन से 20 लाख रुपये वसूले। इसके साथ ही आईपीएस अफसर पर धमकाने का भी आरोप लगाया।
कमल सेन ने दावा किया था कि उस वक्त उन्होंने इसकी शिकायत की लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 6 साल बाद उन्होंने भिलाई स्थित सुपेला थाना में जीपी सिंह के खिलाफ भयादोहन का अपराध दर्ज कराया।
आईपीएस ने अपने खिलाफ दर्ज केस को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डबल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने माना कि 6 साल बाद शिकायतकर्ता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। जो कि काफी लंबा समय है। साथ ही किसी लोकसेवक के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के लिए धारा 197 में अनुमति लेनी पड़ती है, जो कि मामले में नहीं लिया गया। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी।
कैट से भी राहत
आपको बता दें हाल ही में जीपी सिंह को कैट ने बड़ी राहत दी है। जीपी सिंह के खिलाफ निर्णय सुनाते हुए कैट ने उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को चार सप्ताह के भीतर निरस्त करने का आदेश दिया है। जीपी सिंह के खिलाफ कांग्रेस शासन काल में राजद्रोह, आय से अधिक संपत्ति और ब्लैकमेलिंग जैसे मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में जीपी सिंह को गिरफ्तार भी किया गया और चार महीने उन्हें जेल में बिताने पड़े थे।