• 05/09/2025

जोखिम में बच्चों की जान: टूटी पुलिया.. उफनती नदी पार कर स्कूल जाने को मजबूर, नाराज हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, कहा- ऐसी स्थिति स्वीकार नहीं

जोखिम में बच्चों की जान: टूटी पुलिया.. उफनती नदी पार कर स्कूल जाने को मजबूर, नाराज हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, कहा- ऐसी स्थिति स्वीकार नहीं

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग, विशेष रूप से दंतेवाड़ा और आसपास के जिलों में स्कूली बच्चे टूटी पुलिया और उफनती नदियों को पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं। इस गंभीर और संवेदनशील मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान इसे बच्चों की जिंदगी से जुड़ा अहम मुद्दा करार दिया और कहा कि ऐसी स्थिति को लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

मामला वायरल तस्वीरों और वीडियो से आया सामने

यह मामला तब सुर्खियों में आया जब मीडिया में बच्चों की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए, जिसमें वे जान जोखिम में डालकर पानी से भरी नदियों और टूटी पुलियों को पार कर स्कूल जाते दिखे। इन खबरों को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और राज्य सरकार को तलब किया।

राज्य सरकार का जवाब: केंद्र को भेजा गया प्रस्ताव

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि बड़े पुल के निर्माण के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। केंद्र ने तकनीकी आपत्तियों के आधार पर 12 बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था, जिसका जवाब कांकेर कलेक्टर ने तैयार किया। इसके बाद 20 अगस्त 2025 को संशोधित डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) गृह मंत्रालय को भेज दी गई है। सरकार ने आश्वासन दिया कि केंद्र से मंजूरी मिलते ही निविदा प्रक्रिया शुरू कर पुल निर्माण का कार्य तेजी से शुरू किया जाएगा।

हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी: बच्चों की जान जोखिम में डालना अस्वीकार्य

हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि अखबारों में लगातार ऐसी खबरें छप रही हैं, जहां बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं। कोर्ट ने इसे असहनीय और अस्वीकार्य करार देते हुए राज्य सरकार को कड़े निर्देश दिए। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वह केंद्र सरकार के साथ हुई बातचीत और अब तक की कार्रवाई का ब्योरा नए शपथपत्र के जरिए पेश करे। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर 2025 को होगी, जिसमें सरकार को केंद्र से हुई प्रगति की जानकारी देनी होगी।