- 10/05/2025
युद्ध विराम ब्रेकिंग: भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर, ट्रम्प की मध्यस्थता में बनी सहमति, दोनों देशों ने की पुष्टि


भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े सैन्य तनाव के बाद एक सकारात्मक और ऐतिहासिक कदम उठा है। दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तत्काल और पूर्ण सीजफायर लागू करने की सहमति जताई है। इसकी घोषणा सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर की, जिसकी पुष्टि बाद में भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने भी की। यह सीजफायर 11 मई 2025 की मध्यरात्रि से प्रभावी होगा।
ट्रम्प की मध्यस्थता और बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को ट्रूथ सोशल पर लिखा, “लंबी रात की बातचीत के बाद, जो अमेरिका की मध्यस्थता में हुई, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान ने तत्काल और पूर्ण सीजफायर पर सहमति जताई है। दोनों देशों को समझदारी और बुद्धिमानी दिखाने के लिए बधाई। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद!”
पाकिस्तान और भारत की पुष्टि
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की, “पाकिस्तान और भारत तत्काल प्रभाव से सीजफायर के लिए सहमत हुए हैं। पाकिस्तान हमेशा क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए प्रयासरत रहा है, बिना अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए।”
भारत के विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी कर कहा, “भारत और पाकिस्तान ने तनाव कम करने और एलओसी पर शांति बहाल करने के लिए सीजफायर पर सहमति जताई है। भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति पर कायम रहेगा और पाकिस्तान से ठोस कदमों की अपेक्षा करता है।”
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का पृष्ठभूमि
यह सीजफायर तब हुआ है, जब पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाइयों का दावा किया, जिसके बाद दोनों पक्षों ने ड्रोन और लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल किया।
अमेरिका और सऊदी अरब की भूमिका
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, “अमेरिका और सऊदी अरब ने मध्यस्थता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख से बात की, और सऊदी विदेश मंत्री ने दोनों देशों के समकक्षों से संपर्क किया।” ट्रम्प की सक्रिय मध्यस्थता ने दोनों देशों को बातचीत की मेज पर लाने में मदद की।