• 29/05/2025

रानू साहू, सौम्या और समीर विश्नोई को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत, छत्तीसगढ़ में रहने पर रोक

रानू साहू, सौम्या और समीर विश्नोई को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत, छत्तीसगढ़ में रहने पर रोक

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सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के चर्चित कोल लेव्ही घोटाले में निलंबित आईएएस रानू साहू, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रही निलंबित राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया और कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को कड़ी शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी है। जस्टिस सूर्या कांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। हालांकि, गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के चलते कोर्ट ने आरोपियों को छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी लगा दी है। इसके बावजूद, आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज अन्य मामलों के कारण ये आरोपी अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे।

570 करोड़ का कोल लेव्ही घोटाला

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार, छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन के नाम पर 570 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध वसूली की गई। इस घोटाले में कोयला व्यापारियों से प्रति टन 25 रुपये की उगाही का संगठित रैकेट चलाया गया। ईडी ने दावा किया कि खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन करने का आदेश जारी किया, जिसके बाद यह वसूली शुरू हुई। इस राशि का उपयोग कथित तौर पर चुनावी खर्च, बेनामी संपत्तियों और रिश्वत के लिए किया गया।

सूर्यकांत तिवारी: घोटाले का मास्टरमाइंड

ईडी ने कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को इस घोटाले का मुख्य सरगना बताया है। उनके नेतृत्व में एक सिंडिकेट बनाया गया, जो कोयला व्यापारियों से अवैध राशि वसूलता था। व्यापारी जो प्रति टन 25 रुपये की राशि तिवारी के कर्मचारियों को जमा करते थे, उन्हें ही खनिज विभाग से पीट पास और परिवहन पास जारी किए जाते थे। ईडी की छापेमारी में पहले समीर बिश्नोई और फिर सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया।

जेल में बंद प्रमुख आरोपी

इस मामले में निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, संदीप नायक, लक्ष्मीकांत तिवारी, शिव शंकर नाग, मोइनुद्दीन कुरैशी, रोशन सिंह, निखिल चंद्राकर, परेश कुर्रे, राहुल कुमार, वीरेंद्र जायसवाल, हेमंत जायसवाल और चंद्र प्रकाश जायसवाल सहित कई आरोपी वर्तमान में जेल में हैं।

36 लोगों पर FIR

ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर छत्तीसगढ़ की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और ईओडब्ल्यू ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है। एसीबी ने इस मामले में जांच तेज कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट की शर्तें

सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए सख्त शर्तें लागू की हैं। आरोपियों को छत्तीसगढ़ में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, और उन्हें संतोषजनक जमानत बांड जमा करना होगा। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि कोई भी आरोपी गवाहों को प्रभावित करने, साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ करने या जांच में बाधा डालने की कोशिश करता है, तो उनकी जमानत रद्द की जा सकती है।