- 05/08/2025
चैतन्य बघेल ने ED की गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में दी चुनौती, शराब घोटाले के मामले में जेल में हैं बंद

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने कथित शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए हाईकोर्ट का रुख करने की सलाह दी थी।
शराब घोटाले में चैतन्य की गिरफ्तारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को भिलाई, दुर्ग से गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप है कि 2019 से 2022 के बीच भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान हुए 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से प्राप्त कथित ब्लैक मनी में से चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपये मिले। इस रकम को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश कर ब्लैक मनी को व्हाइट करने और सिंडिकेट के साथ मिलकर 1,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का भी आरोप है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और निर्देश
सोमवार, 4 अगस्त 2025 को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने भूपेश और चैतन्य बघेल की याचिकाओं पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने चैतन्य की जमानत याचिका और भूपेश की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में राहत मांगनी चाहिए। कोर्ट ने प्रभावशाली लोगों द्वारा सीधे सुप्रीम कोर्ट आने की प्रवृत्ति पर सख्त टिप्पणी की, जिसमें कहा गया, “हर बार ऐसे अपवाद केवल प्रभावशाली लोगों के मामलों में क्यों? यदि हम सब केस सुनेंगे, तो हाईकोर्ट और अन्य अदालतों का क्या उद्देश्य है? आम नागरिक और उनके वकीलों के लिए सुप्रीम कोर्ट में जगह नहीं बचेगी।”
सुप्रीम कोर्ट ने भूपेश बघेल की एक याचिका, जिसमें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धारा 44, 50 और 63 को चुनौती दी गई थी, को 6 अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया। इस याचिका में ईडी की जांच और गिरफ्तारी की शक्तियों पर सवाल उठाए गए हैं।
चैतन्य की रिमांड 14 दिन बढ़ी
शराब घोटाला मामले में रायपुर जेल में बंद चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड को सोमवार को ईडी की विशेष अदालत ने 14 दिन के लिए बढ़ा दिया। अब उन्हें 18 अगस्त तक रिमांड पर रखा जाएगा। चैतन्य ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के साथ-साथ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की कार्रवाई से बचने के लिए भी अग्रिम जमानत याचिका दायर की है।
राजनीतिक द्वेष का आरोप
भूपेश बघेल और चैतन्य ने अपनी याचिकाओं में दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी और जांच राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है। भूपेश बघेल ने कहा कि जैसे उनके बेटे को निशाना बनाया गया, वैसे ही उन्हें भी टारगेट किया जा सकता है। उन्होंने पीएमएलए की धारा 45 की संवैधानिकता पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां बिना उचित प्रक्रिया के कार्रवाई कर रही हैं।
क्या है ED का दावा?
ईडी का दावा है कि 2019-2022 के दौरान छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले में राजनेताओं, नौकरशाहों और शराब ठेकेदारों के एक सिंडिकेट ने अवैध कमीशन वसूलकर सरकारी शराब दुकानों के जरिए बिना हिसाब की शराब बेची, जिससे राज्य को 2,161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ईडी ने इस मामले में 205.49 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं। चैतन्य के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने घोटाले की रकम को रियल एस्टेट में निवेश किया।
इसके अलावा, भूपेश बघेल कोयला घोटाला, महादेव सट्टा ऐप, राइस मिलिंग और डीएमएफ घोटाला जैसे अन्य मामलों में भी जांच के दायरे में हैं। इन मामलों में ईडी, सीबीआई और ईओडब्ल्यू जांच कर रही हैं।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चैतन्य की याचिका पर जल्द सुनवाई की उम्मीद है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को उनके आवेदनों पर शीघ्र विचार करने का निर्देश दिया है।