- 18/08/2025
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: हाईकोर्ट ने 29 आबकारी अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की, लटकी गिरफ्तारी की तलवार

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में आबकारी विभाग के 29 अधिकारियों को बड़ा झटका लगा है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने सोमवार, 18 अगस्त 2025 को इन सभी अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद साफ निर्देश दिया कि आरोपी निचली अदालत में सरेंडर करें और वहीं से जमानत के लिए आवेदन करें। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की जांच में इन अधिकारियों की संलिप्तता सामने आने के बाद यह कार्रवाई हुई है।
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EOW की जांच और चालान
EOW ने इस मामले में 7 जुलाई 2025 को विशेष कोर्ट में 2300 पन्नों का चालान पेश किया था, जिसमें 29 आबकारी अधिकारियों को आरोपी बनाया गया। बुधवार को चौथा पूरक चालान प्रस्तुत किया गया, जो 5 जुलाई को विशेष न्यायाधीश के अवकाश के कारण दाखिल नहीं हो सका था। जांच में पाया गया कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में सुनियोजित तरीके से यह घोटाला अंजाम दिया गया। EOW ने सभी 29 आरोपियों को 20 अगस्त तक कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया है, अन्यथा सख्त कार्रवाई, जिसमें गिरफ्तारी वारंट शामिल है, हो सकती है।
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3200 करोड़ का घोटाला, 60 लाख पेटी अवैध शराब की बिक्री
जांच में सामने आया कि 2019 से 2023 के बीच बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर चयनित जिलों में देसी शराब की दुकानों को डिस्टलरी से सीधे अवैध शराब (बी-पार्ट शराब) भेजी जाती थी। इसकी वैध शराब के साथ समानांतर बिक्री की गई, जिससे 60,50,950 पेटी अवैध शराब की बिक्री हुई। नवीनतम अनुमान के अनुसार, घोटाले की कुल राशि 3200 करोड़ रुपये से अधिक है। इस राशि को आरोपियों ने व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों में खर्च किया।
13 गिरफ्तार, 70 आरोपी नामजद
इस मामले में अब तक पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, विजय भाटिया सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एफआईआर में कुल 70 आरोपी नामजद हैं, जिनमें आठ डिस्टलरी संचालक भी शामिल हैं। EOW की जांच में खुलासा हुआ कि शराब कारोबारी अरविंद सिंह ने कवासी लखमा को हर महीने 50 लाख से 2 करोड़ रुपये तक कमीशन देने की बात कबूल की थी।
निलंबित आबकारी अधिकारी
राज्य सरकार ने घोटाले में शामिल 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें जिला आबकारी अधिकारी जनार्दन कौरव, उपायुक्त आबकारी अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा, अरविंद कुमार पाटले, सहायक आयुक्त आबकारी प्रमोद कुमार नेताम, रामकृष्ण मिश्रा, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंग तोमर, मंजुश्री कसेर, सौरभ बख्शी, दिनकर वासनिक, सोनल नेताम, प्रकाश पाल, अलेख राम सिदार, आशीष कोसम, राजेश जायसवाल, इकबाल खान, नितिन खंडुजा, मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, नीतू नोतानी ठाकुर, और नोहर सिंह ठाकुर शामिल हैं।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब इन अधिकारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।