• 15/04/2025

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, पासपोर्ट जमा करने की शर्त, फिर भी जेल में रहेंगे

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, पासपोर्ट जमा करने की शर्त, फिर भी जेल में रहेंगे

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छत्तीसगढ़ के कथित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने यह फैसला सुनाया। हालांकि, टुटेजा को पासपोर्ट जमा करने और सुनवाई में सहयोग करने जैसी सख्त शर्तों का पालन करना होगा। इसके बावजूद, एक अन्य मामले में जमानत याचिका खारिज होने के कारण टुटेजा अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।

मामला क्या है?

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल टुटेजा को 21 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप है कि 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री में अनियमितताओं के जरिए 2,161 करोड़ रुपये की कथित अवैध कमाई हुई। इसमें उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक हस्तियों का एक सिंडिकेट शामिल था, जिसमें टुटेजा को “मुख्य सूत्रधार” बताया गया। यह राशि कथित तौर पर डिस्टिलरियों से रिश्वत और स्टेट-रन शराब दुकानों से नकद बिक्री के जरिए जमा की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि मामले में 20 आरोपी हैं और 30 से अधिक गवाहों की जांच बाकी है। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि टुटेजा एक साल से अधिक समय से जेल में हैं और विशेष अदालत द्वारा संज्ञान आदेश को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था, क्योंकि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 197 के तहत आवश्यक स्वीकृति नहीं ली गई थी। कोर्ट ने “सेंथिल बालाजी” मामले का हवाला देते हुए और एक सह-आरोपी को पहले जमानत मिलने के आधार पर टुटेजा को राहत दी।

हालांकि, ईडी ने जमानत का विरोध करते हुए टुटेजा को “भ्रष्टाचार का मास्टरमाइंड” बताया और दावा किया कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। ईडी ने टुटेजा पर नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले में भी शामिल होने का आरोप लगाया। फिर भी, टुटेजा के वकील मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि संज्ञान आदेश रद्द होने से अभियोजन का मामला कमजोर हो गया है।

गिरफ्तारी पर पहले भी उठे सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर और दिसंबर 2024 में टुटेजा की गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि टुटेजा को 20 अप्रैल 2024 को रायपुर में ACB कार्यालय में पूछताछ के दौरान ही ईडी ने दो समन जारी किए और रातभर पूछताछ के बाद सुबह 4 बजे गिरफ्तार किया। कोर्ट ने इसे “अक्षम्य” बताया और कहा कि यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन है। ईडी ने बाद में 29 अक्टूबर 2024 को एक प्रेस रिलीज जारी कर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने का दावा किया था।

क्यों नहीं होंगे रिहा?

टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 4 दिसंबर 2024 को ACB द्वारा दर्ज एक अन्य मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा ने भ्रष्टाचार को “राष्ट्र का दुश्मन” बताते हुए कहा था कि यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इस कारण टुटेजा को अभी जेल में ही रहना होगा।

आगे क्या?

टुटेजा की जमानत शराब घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राहत है, लेकिन ACB मामले में जमानत याचिका पर फैसला उनकी रिहाई के लिए महत्वपूर्ण होगा। इस बीच, ईडी ने दावा किया है कि वह जांच को आगे बढ़ाएगी और अन्य आरोपियों को भी कटघरे में लाएगी। यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई का एक प्रमुख हिस्सा बना हुआ है।