- 04/11/2023
कांग्रेस ने महादेव ऐप के आरोपियों के साथ बीजेपी नेताओं की जारी की तस्वीर, लगाए आरोप
सट्टेबाजी ऐप महादेव बुक मामले में ईडी के दावे से छत्तीसगढ़ की सियासी फिजा एक बार फिर गरमा गई है। महादेव ऐप को लेकर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप जारी है। कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने राजीव भवन में आोयजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी और ईडी पर मिलकर सीएम भूपेश की छवि खराब करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी ने जिस ड्राइवर के बयान पर मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया वह भाजपा का कार्यकर्ता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के इशारों पर ईडी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि खराब करने के उद्देश्य से एक दुर्भावनापूर्वक प्रेस नोट जारी किया। इसमें ईडी ने सिर्फ एक आरोपी के फौरी ब्यान के आधार पर मुख्यमंत्री के खिलाफ बिना किसी प्रमाण के, बिना किसी जांच के पैसे लेने का प्रेसनोट हड़बड़ी में जारी कर दिया। इसी के द्वारा जारी प्रेस नोट यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि यह भाजपा को एक चुनावी मुद्दा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के उद्देश्य से षड़यंत्रपूर्वक जारी किया है।
जिस ड्राईवर के बयानों के आधार पर मुख्यमंत्री पर अनर्गल आरोप लगाये गये है वह भाजपा का कार्यकर्ता है। वह वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पांडे के अनन्य सहयोगी पियूष मिश्रा का सहयोगी है। वह रमन सिंह का भी कार्यकर्ता है। रमन सिंह के साथ उसकी तस्वीर सोशल मीडिया में है।
असीम दास जिसके साथ रमन सिंह और पियूष मिश्रा जो भाजपा का पार्षद है, जो प्रेम प्रकाश पांडे का प्रतिनिधि था उसके बयानों के आधार पर मुख्यमंत्री पर आरोप लगाना साफ करता है कि ईडी का प्रेस नोट भाजपा की साजिश है।
महादेव एप्प को भाजपा का पूरा संरक्षण है, केंद्र सरकार और भाजपा के संरक्षण में ही महादेव एप्प चल रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस के साथ महादेव एप्प के सरगना सौरभ चंद्राकर और युसूफ पुट्टी जो कि महादेव एप्प का एक सहयोगी है जिसके खिलाफ एफआईआर भी हुई उसकी तस्वीर रमेश बैस के साथ है। युसूफ पुट्टी के साथ दुबई कौन से भाजपा नेता गये थे इसकी जांच होनी चाहिये?
रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह और रमन के पूर्व 3 नौकरशाह का बेटा दुबई क्यों जाते है इसका जवाब दें? रमन सिंह, अभिषेक सिंह के पासपोर्ट को सार्वजनिक करें। भाजपा नेताओं की महादेव एप्प में संलिप्तता और संरक्षण का यह बड़ा उदाहरण है।
मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की कोशिश है। ईडी लगातार कांग्रेस सरकार को बदनाम करने का षड़यंत्र केंद्र के इशारे पर कर रही है। अब तो इस मामले में भाजपा नेताओं के साथ उसकी सांठगांठ उजागर हो चुकी है।
महादेव एप्प को भाजपा की केंद्र सरकार और यूपी की योगी सरकार का संरक्षण है।
यदि ऐसा नहीं है तो केंद्र सरकार महादेव एप्प के सरगना जो दुबई में बैठे है उनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं कर रही? उनको भारत लाने के लिये क्या प्रयास किये गये? केंद्र इस ऑनलाईन गेमिंग एप्प पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रहा है? जब चाईना 150 से अधिक एप्प पर एक दिन में प्रतिबंध लगा सकता है तो इस एप्प पर केंद्र की मेहरबानी के मायने है- महादेव एप्प एक संगठित गिरोह है। जो कि इस देश के बाहर विदेश से संचालित होता है केन्द्र सरकार अगर चाहे तो विदेश में बैठे हुये अपराधियों के ऊपर कार्यवाही कर सकती है। लेकिन इस मामले में केन्द्र सरकार और भाजपा की रहस्यमयी चुप्पी अनेक संदेहों को जन्म देती है।
महादेव एप्प बना कर संगठित आर्थिक अपराध सट्टा खिलाने का नेटवर्क पूरे देश में चलाया जा रहा था। छत्तीसगढ़ में महादेव एप्प के संचालन की जानकारी सामने आयी थी। इस प्रकार की गतिविधियों की जानकारी सामने आने के बाद महादेव एप्प में छत्तीसगढ़ पुलिस लगातार कार्यवाही की जा रही है। बड़े पैमाने पर अपराधियों की छत्तीसगढ़ और देश भर में गिरफ्तारियां भी की गयी। इस गैर कानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने की कार्यवाही की जा रही है। एकमात्र छत्तीसगढ़ पुलिस इस मामले में कार्यवाही कर रही है। अभी तक छत्तीसगढ़ पुलिस ने 449 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
जैसे ही छत्तीसगढ़ पुलिस को पता चला कि महादेव एप्प संचालन का केंद्र बिन्दु उत्तर प्रदेश का नोएडा शहर है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी आता है, छत्तीसगढ़ पुलिस वहां कार्यवाही करने गयी थी। जब छत्तीसगढ़ पुलिस ने नोएडा में 9 सटोरियों को गिरफ्तार किया तब उत्तर प्रदेश पुलिस सहयोग करने के बजाय अपराधियों के बचाव में उतर आयी है। यूपी पुलिस ने कार्यवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों पर धारा 365 के तहत अपहरण का अपराध दर्ज कर लिया। यही नहीं जब नोएडा पुलिस को यह जानकारी मिली कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपराधियों पर कार्यवाही करने आ रही तब उसने एक दिन पहले 9 आरोपियों को जुआ एक्ट में गिरफ्तार कर लिया ताकि छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें पकड़ न पाये और बाद में उनको मुचलके पर छोड़ भी दिया।